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  4. Prem Singh, who tried his luck several times from Luni, disappointed after not getting ticket
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Last Modified: जोधपुर , गुरुवार, 9 नवंबर 2023 (00:25 IST)

Rajasthan Election : लूनी से कई बार किस्मत आजमाने वाले प्रेम सिंह टिकट नहीं मिलने से निराश

Rajasthan Assembly Election 2023,
Luni Assembly Seat : राजस्थान में लूनी विधानसभा सीट से कई बार किस्मत आजमाने और हर बार असफल रहने वाले प्रेम सिंह इस बार चुनाव मैदान से बाहर हैं और अपनी निराशा को जाहिर करते हुए वह कहते हैं, यदि कोई बच्चा परीक्षा में फेल हो जाता है, तो क्या आप उसे विद्यालय भेजना बंद कर देंगे।
 
पिछले विधानसभा चुनाव में जोधपुर की लूनी विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) ने प्रेम सिंह (68) को मैदान में उतारा था, लेकिन उनके हार जाने के चलते इस बार आप ने उन्हें टिकट नहीं दिया।
 
सिंह लूनी निर्वाचन क्षेत्र से कई बार चुनाव हार चुके हैं। 2008 के चुनाव में, वह जागो पार्टी से चुनाव मैदान में उतरे थे और उन्हें 446 वोट मिले। वह 2013 में अखिल भारतीय आम जन पार्टी के टिकट पर लड़े और उन्हें 440 वोट मिले। उन्होंने 2018 का विधानसभा चुनाव आप उम्मीदवार के तौर पर लड़ा और कुल 898 वोट मिले।
 
सिंह का कहना है कि उस हार के बावजूद, उन्होंने पिछले पांच वर्षों में अरविंद केजरीवाल की पार्टी के लिए प्रचार करना जारी रखा। उन्होंने बताया कि वह अपनी मोटरसाइकल या साइकल पर बिछौना साथ लेकर निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करते थे। सिंह इससे पहले सरपंच पद के लिए भी चुनाव हार चुके हैं। सिंह ने बताया कि उन्होंने पार्टी से टिकट के लिए नामांकन के आखिरी दिन तक इंतजार किया।
 
उन्होंने कहा, पार्टी आलाकमान ने मुझे फिर से टिकट मिलने का आश्वासन दिया था। लेकिन पार्टी ने जोधपुर शहर को छोड़कर कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारा। आप जोधपुर की नौ विधानसभा सीटों में से केवल इस एक निर्वाचन क्षेत्र में मैदान में हैं। सिंह ने कहा, मैं अब निराश हूं क्योंकि मैं फिर से चुनाव लड़ना चाहता था और इस बार पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की थी।
 
सिंह ने कहा कि निराशा के बावजूद वह आप कार्यकर्ता बने रहेंगे और लोगों के साथ अपने जुड़ाव पर काम करेंगे। जब उनसे पूछा गया कि बार-बार की असफलताओं के बावजूद वह प्रचार करना क्यों जारी रखते हैं, तो उन्होंने कहा, कोई बच्चा फेल हो जाए तो उसे स्कूल नहीं भेजेंगे क्या?
 
सिंह ने कहा, लूनी विधानसभा एक सामान्य श्रेणी की सीट है और सभी प्रमुख दल अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) उम्मीदवारों को मैदान में उतार रहे हैं। चुनाव लड़ना मेरा अधिकार है। सिंह खेती से अपनी जीविका चलाते हैं और अन्य पिछड़ा वर्ग से नहीं हैं।
 
यह पूछे जाने पर कि वह एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे हैं, सिंह ने कहा, मैंने पूरे पांच साल साइकल पर 'झाड़ू' (आप का चुनाव चिह्न) के लिए प्रचार किया। इतने कम समय में गांवों को किसी अन्य चिह्न के लिए वोट करने के लिए समझाना मुश्किल है।
 
सिंह चुनाव भले ही नहीं जीतें, लेकिन उनकी भाषण कला को अन्य लोग स्वीकार करते हैं। जोधपुर में पार्टी कार्यकर्ता पंकज वाघेला ने कहा, प्रेम सिंह जी एक समर्पित कार्यकर्ता हैं। सभी ने उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार करते देखा है। मैंने उन्हें लूनी निर्वाचन क्षेत्र के हर गांव में साइकल चलाते हुए देखा है और वह एक जाना-पहचाना चेहरा हैं। उन्हें टिकट मिल सकता था, लेकिन पार्टी ने इस बार कोई उम्मीदवार नहीं उतारा। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 
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