नई दिल्ली। विभिन्न जिंसों के लिए मालभाड़े में 10 प्रतिशत तक वृद्धि के प्रस्ताव से खाद्यान्न, दालें, सीमेंट और इस्पात जैसी आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ सकते हैं।
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को संसद में पेश वित्त वर्ष 2015-16 के रेल बजट में 12 जिंसों के भाड़े में 0.8 से 10 प्रतिशत तक वृद्धि का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा यूरिया पर मालभाड़े में 10 प्रतिशत वृद्धि के प्रस्ताव से सब्सिडी का बोझ बढ़ने के आसार हैं।
भारतीय उर्वरक संघ (एफएआई) के महानिदेशक सतीश चंदर ने कहा कि मालभाड़े में बढ़ोतरी से यूरिया के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी में 300 करोड़ रुपए की वृद्धि होगी। अभी सरकार यूरिया पर 3,000 करोड़ रुपए की सब्सिडी देती है।
सीमेंट पर मालभाड़े में 2.7 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है। इसी तरह कोयले की ढुलाई पर भाड़े में 6.3 प्रतिशत, लौह एवं इस्पात पर 0.8 प्रतिशत, अनाज व दालों पर 10 प्रतिशत, मूंगफली तेल पर 2.1 प्रतिशत, एलपीजी पर 0.8 प्रतिशत व केरोसिन पर मालभाड़े में 0.8 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है।
डालमिया भारत सीमेंट समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहिंद्र सिंगी ने कहा कि हमारी उत्पादन की लागत 50 किलो के सीमेंट के बैग पर 2 से 4 रुपए बढ़ेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी सीमेंट के दाम बढ़ाएगी? उन्होंने कहा कि कीमत मांग व पूर्ति पर निर्भर करती है। इस पर हम बाद में फैसला करेंगे।
एक प्रमुख सीमेंट विनिर्माता ने कहा कि कोयला, इस्पात व सीमेंट पर मालभाड़े में बढ़ोतरी से सीमेंट की कीमतों में प्रति बैग 5 से 10 रुपए का इजाफा होगा। इस बीच इस्पात कंपनियों ने रेल बजट पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है।
उनका कहना है कि अगले 5 साल में रेलवे में 8.5 लाख करोड़ रुपए के प्रस्तावित निवेश के प्रस्ताव से इस्पात की मांग बढ़ेगी। हालांकि इसके बावजूद कुछ निराश हैं, क्योंकि मंत्री ने डीजल कीमतों में कमी आने के बावजूद मालभाड़े में कमी नहीं की है।
एक प्रमुख इस्पात कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि रेल बजट में लौह एवं इस्पात पर मालभाड़े में वृद्धि का हमारे ऊपर सीमित असर होगा। प्रभु ने घरेलू इस्तेमाल वाले लौह अयस्क पर मालभाड़े में भी 0.8 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव किया है।
यूरिया पर उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि मालभाड़े में बढ़ोतरी से यूरिया कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हम यूरिया 5,360 रुपए प्रति टन पर उपलब्ध कराना जारी रखेंगे। इससे सिर्फ यूरिया पर सब्सिडी बढ़ेगी।
रेलमंत्री ने कुछ जिंसों में मालभाड़े में बढ़ोतरी को वृद्धि नहीं बताया है। उनका कहना है कि यह जिंसों के पुन:वर्गीकरण का हिस्सा है। इसमें कुछ जिंसों पर मालभाड़ा बढ़ेगा और कुछ पर घटेगा। रेल राज्यमंत्री मनोज सिह्ना ने कहा कि किसानों के लिए यूरिया कीमतों में इजाफा नहीं होगा।
हालांकि लाइमस्टोन, डोलोमाइट और मैंगनीज तथा स्पीड डीजल तेल पर दरों में क्रमश: 0.3 और 1 प्रतिशत की कमी की गई है। रेलमंत्री ने आधार मालभाड़ा दर में भी 10 प्रतिशत तक वृद्धि का प्रस्ताव किया है। (भाषा)