गुरुवार, 2 जनवरी 2025
  • Webdunia Deals
  1. कुंभ मेला
  2. प्रयागराज कुंभ मेला 2025
  3. प्रयागराज कुंभ यात्रा गाइड
  4. Where should one visit in Prayagraj Kumbh 2025 date
Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 30 दिसंबर 2024 (14:17 IST)

Prayagraj Kumbh Mela 2025: प्रयागराज कुंभ में कहां कहां घूमना चाहिए?

mahakumbh 2025 prayagraj: कुंभ मेला प्रयागराज 2025 यात्रा गाइड और प्रमुख आकर्षण - Where should one visit in Prayagraj Kumbh 2025 date
prayagraj kumbh mela 2025 date:13  जनवरी 2025 से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन हो रहा है जिसे महाकुंभ कहा जा रहा है। प्रयागराज कुंभ मेला विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसमें लाखों श्रद्धालु और पर्यटक हिस्सा लेते हैं। कुंभ मेले में घूमने के लिए कई महत्वपूर्ण स्थान हैं जो धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व रखते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख स्थानों की सूची दी गई है।ALSO READ: Mahakumbh 2025: महाकुंभ में घूमने का कितना होगा खर्चा?

1. त्रिवेणी संगम: यदि आप कुंभ मेले में घूमने जा रहे हैं तो पहले त्रिवेणी संगम पर जरूर जाएं। यहां पर दर्शन और स्नान करने का खास महत्व है। त्रिवेणी गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का संगम स्थल है। यह घाट धार्मिक पौराणिक, ऐतिहासिक दृष्‍टि से बहुत महत्वपूर्ण है। महाभारत के एक प्रसंग में मार्कंडेय ऋषि धर्मराज युधिष्ठिर से कहते हैं कि राजन्‌ प्रयाग तीर्थ सब पापों को नाश करने वाला है। जो भी व्यक्ति प्रयाग में एक महीना, इंद्रियों को वश में करके स्नान-ध्यान और कल्पवास करता है, उसके लिए स्वर्ग का स्थान सुरक्षित हो जाता है।
 
त्रिवेणी मुख्य आकर्षण: गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम।
त्रिवेणी पर क्या करें: पवित्र स्नान करें, नाव की सवारी का आनंद लें, और संगम तट पर ध्यान और पूजा करें। यहां कल्पवास भी कर सकते हैं। 
 
2. अक्षयवट (अमर वृक्ष): जैसा की इसका नाम ही है अक्षय। अक्षय का अर्थ होता है जिसका कभी क्षय न हो, जिसे कभी नष्ट न किया जा सके। इसीलिए इस वृक्ष को अक्षय वट कहते हैं। पुरात्व विज्ञान के वैज्ञानिक शोध के अनुसार इस वृक्ष की रासायनिक उम्र 3250 ईसा पूर्व की बताई जाती है अर्थात 3250+2025=5278 वर्ष का यह वृक्ष है। इस वृक्ष को मनोरथ वृक्ष भी कहते हैं अर्थात मोक्ष देने वाला या मनोकामना पूर्ण करने वाला।
 
मुख्य आकर्षण: यह पवित्र वृक्ष अक्षय वट किले के अंदर स्थित है।
क्या करें: इस वृक्ष के दर्शन करें और इसके पौराणिक महत्व को समझें।
 
3. इलाहाबाद प्रयागराज किला:
मुख्य आकर्षण: मुगल सम्राट अकबर द्वारा निर्मित यह किला ऐतिहासिक महत्व रखता है।
क्या करें: किले के बाहरी हिस्से को देखें और पुरानी वास्तुकला का आनंद लें।
 
4. हनुमान मंदिर (लेटे हुए हनुमान जी): इस हनुमान मंदिर और मूर्ति का संबंध त्रेतायुग से है और वह भी जब हनुमानजी अपने गुरु सूर्यदेव से अपनी शिक्षा-दीक्षा पूरी करके सूर्यदेव के कहने पर वे अयोध्या जा रहे थे परंतु रास्ते में गंगा तट पर रात हो गई और उन्हें वहीं सोना पड़ा। चूंकि वे गंगा को लांघ नहीं सकते थे इसलिए यहां विश्राम करने के बाद वे अगले दिन गए।
 
मुख्य आकर्षण: यहाँ भगवान हनुमान की विशाल लेटी हुई मूर्ति है।
क्या करें: मंदिर में पूजा-अर्चना करें और इसकी अनोखी मूर्ति का दर्शन करें।
5. प्रयाग शक्तिपीठ: 
संगम तट पर माता सती के हाथ की अंगुली गिरी थी। इसकी शक्ति है ललिता और भैरव को भव कहते हैं। प्रयागराज में तीन मंदिरों को शक्तिपीठ माना जाता है और तीनों ही मंदिर प्रयाग शक्तिपीठ की शक्ति 'ललिता' के हैं। माना जाता है कि माता की अंगुलियां 'अक्षयवट', 'मीरापुर' और 'अलोपी' स्थानों पर गिरी थीं। अक्षयवट किले में 'कल्याणी-ललिता देवी मंदिर' के समीप ही 'ललितेश्वर महादेव' का भी मंदिर है। मत्स्यपुराण में वर्णित 108 शक्तिपीठों में यहां की देवी का नाम 'ललिता' दिया गया है।ALSO READ: Mahakumbh 2025: प्रयागराज कुंभ मेले को क्यों कहा जा रहा है महाकुंभ?
 
6. कुंभ मेला क्षेत्र: इस क्षेत्र में साधु संतों के टेंट लगे हैं जिसमें से 13 अखाड़ों के कैंप में घूमना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। 13 में से भी सबसे खास जूना अखाड़ा है जिसके साधुओं की संख्या लाखों में हैं।
 
मुख्य आकर्षण: कुंभ मेला के विभिन्न घाट, टेंट सिटी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और आध्यात्मिक प्रवचन।
क्या करें: मेले में साधु-संतों से मिलें, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लें, और आध्यात्मिक सत्रों में भाग लें।
 
7. गंगा आरती (संगम तट पर): प्रयागराज में गंगा नदी के तट पर गंगा आरती विश्व प्रसिद्ध है। हरिद्वार और ऋषिकेश के बाद यहां की आरती को देखने के लिए देश और विदेश के लोग आते हैं। इस आरती में शामिल होना पुण्य की बात है। 
 
मुख्य आकर्षण: संध्या समय गंगा आरती का भव्य आयोजन।
क्या करें: आरती के दौरान शांत वातावरण में ध्यान करें और आरती का अनुभव लें।
 
8. आनंद भवन और स्वराज भवन
मुख्य आकर्षण: यह नेहरू परिवार का पूर्व निवास था।
क्या करें: संग्रहालय का भ्रमण करें और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी जानकारी प्राप्त करें।
 
9. अल्फ्रेड पार्क (चंद्रशेखर आजाद पार्क)
मुख्य आकर्षण: चंद्रशेखर आजाद का स्मारक।
क्या करें: पार्क में घूमें और आजादी के नायकों को श्रद्धांजलि दें।
 
10. खुसरो बाग
मुख्य आकर्षण: मुगल स्थापत्य कला का सुंदर नमूना।
क्या करें: बाग के ऐतिहासिक स्मारकों और बगीचों का आनंद लें।
 
यात्रा के लिए टिप्स:
  • भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में सतर्क रहें।
  • पानी और आवश्यक चीजें हमेशा साथ रखें।
  • टेंट सिटी में पहले से बुकिंग करवा लें।
  • आध्यात्मिक सत्रों में भाग लें और स्थानीय खानपान का आनंद लें।
  • यात्रा गाइड और नक्क्षा अपने पास रखें।