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Written By WD Feature Desk
Last Modified: शुक्रवार, 31 जनवरी 2025 (17:51 IST)

महाकुंभ में क्या है संगम नोज जहां हुआ भगदड़ का हादसा, क्यों है इतना महत्व

महाकुंभ में क्या है संगम नोज जहां हुआ भगदड़ का हादसा, क्यों है इतना महत्व - Sangam Nose
Sangam Nose in Mahakumbh: प्रयागराज में स्थित संगम नोज हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। यह वह स्थान है जहां गंगा और यमुना नदियां मिलती हैं और मान्यता के अनुसार, अदृश्य सरस्वती नदी भी यहां आकर मिलती है। इसीलिए इसे त्रिवेणी भी कहा जाता है। मौनी अमावस्या के दिन इसी जगह पर भगदड़ का हादसा हुआ। आई वेब दुनिया हिंदी पर आज आपको बताते हैं संगम नोज का पौराणिक महत्व।

संगम नोज का महत्व
  • धार्मिक महत्व: संगम नोज को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि यहां स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष मिलता है।
  • अमृत स्नान: महाकुंभ के दौरान संगम नोज पर अमृत स्नान का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन संगम नोज पर पानी नहीं, अमृत का प्रवाह होता है।
  • आस्था का केंद्र: संगम नोज लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। लोग दूर-दूर से यहां स्नान करने आते हैं।
संगम नोज का भौगोलिक महत्व
  • त्रिकोणीय आकार: संगम नोज का आकार त्रिकोणीय है, इसलिए इसे नोज कहा जाता है।
  • नदियों का संगम: यहां गंगा और यमुना नदियां मिलती हैं और मान्यता के अनुसार, अदृश्य सरस्वती नदी भी यहां आकर मिलती है।
  • अलग-अलग रंग: संगम नोज पर गंगा और यमुना का पानी अलग-अलग रंग का दिखाई देता है। गंगा का पानी हल्का मटमैला और यमुना का पानी हल्का नीला होता है।
महाकुंभ के दौरान संगम नोज पर लाखों श्रद्धालु स्नान करने आते हैं। मान्यता है कि इस दिन यहां स्नान करने से मोक्ष मिलता है। इसलिए, श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आते हैं।