• Webdunia Deals
  1. कुंभ मेला
  2. प्रयागराज कुंभ मेला 2025
  3. प्रयागराज कुंभ यात्रा गाइड
  4. mahakumbh upay
Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 29 जनवरी 2025 (12:14 IST)

भीड़ की वजह से महाकुंभ में नहीं जा पा रहे तो इस विधि से घर बैठे पाएं संगम स्नान का पुण्य लाभ

भीड़ की वजह से महाकुंभ में नहीं जा पा रहे तो इस विधि से घर बैठे पाएं संगम स्नान का पुण्य लाभ - mahakumbh upay
Mahakumbh 2025: इस समय प्रयागराज में पवित्र महाकुंभ मेले का आयोजन हो रहा है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने के लिए रोज प्रयागराज पहुंच रहे हैं। लेकिन कुछ लोग दूरी की वजह से प्रयाग जाकर महाकुंभ में स्नान का लाभ लेने में असमर्थ हैं वहीँ कुछ लोग बहुत ज्यादा भीड़ में सहज नहीं होते। यदि आप भी दूरी या भीड़ की वजह से प्रयागराज नहीं जा पा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए है। क्या आप जानते हैं कि आप घर बैठे भी संगम स्नान का पुण्य लाभ उठा सकते हैं? जी हां, यह बिल्कुल संभव है। आइए इस लेख में जानिए कैसे आप घर बैठे ही एक विशेष मंत्र से पवित्र नदियों का आव्हान कर त्रिवेणी संगम में स्नान का पुण्य लाभ उठा सकते हैं। 

संगम स्नान का महत्व
संगम को हिंदुओं का सबसे पवित्र तीर्थस्थल माना जाता है, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियां मिलती हैं। संगम में डुबकी लगाने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

घर बैठे संगम स्नान का तरीका
  • शुद्ध स्थान का चयन: स्नान के लिए एक साफ-सुथरा और शांत स्थान चुनें।
  • मंत्र का उच्चारण: स्नान करते समय नीचे दिया गया मंत्र का जाप करें:
    • "गंगे! च यमुने! चैव गोदावरी! सरस्वती! नर्मदे! सिंधु! कावेरी! जलेSस्मिन् सन्निधिं कुरु।।"
    • अर्थ : हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु और कावेरी! आप सभी मेरे स्नान के जल में विराजमान हों।
  • ध्यान: स्नान करते समय मन में इन नदियों का ध्यान करें और उनका आशीर्वाद मांगें।
  • पूजा: स्नान के बाद भगवान विष्णु या माता गंगा की पूजा करें।

मंत्र का अर्थ
इस मंत्र में गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु और कावेरी जैसी पवित्र नदियों का आह्वान किया गया है। इस मंत्र का उच्चारण करते हुए आप इन नदियों के पवित्र जल में स्नान करने का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।'

घर बैठे संगम स्नान के नियम
  • शांत मन: स्नान करते समय मन को शांत और तनावमुक्त रखें।
  • सकारात्मक ऊर्जा: अनुष्ठान के समय सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करें।
  • विश्वास: इस अनुष्ठान को करने के लिए दृढ़ विश्वास होना बहुत जरूरी है।
  • शुद्धता: स्नान करते समय शरीर और मन दोनों को शुद्ध रखें।
  • उपवास: यदि सम्भव है तो विधिपूर्वक स्नान स्तन के बाद उपवास रखें और भोजन में सात्विक फलाहार करें।
  • दान पुण्य: इस अनुष्ठान के बाद जरूरतमंद लोगों को दान करने से यह अनुष्ठान संपन्न होता है और पुण्य का लाभ मिलता है।
अगर आप कुंभ मेले में जाने में असमर्थ हैं तो निराश न हों। आप घर बैठे भी संगम स्नान का पुण्य लाभ उठा सकते हैं। ऊपर बताए गए तरीके से नियमित रूप से स्नान करने से आप मानसिक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध होंगे।

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।