स्वामी अविमुक्तेश्वारनंद ने की गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग, केंद्र को दिया 33 दिन का अल्टीमेटम
महाकुंभ नगर में शंकराचार्य शिविर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा कि शास्त्रों में उल्लेख है कि गाय के शरीर में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास है।
माघी पूर्णिमा के अगले दिन 33 दिनों की यात्रा निकालेंगे : यहां शंकराचार्य शिविर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा कि शास्त्रों में उल्लेख है कि गाय के शरीर में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास है। हम पिछले डेढ़ साल से गोमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने के लिए आंदोलन चला रहे हैं। अब हमने निर्णय किया है कि माघी पूर्णिमा के अगले दिन (गुरुवार) से हम 33 दिनों की यात्रा निकालेंगे।
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उन्होंने कहा कि यह 33 दिन की यात्रा 17 मार्च को दिल्ली जाकर पूर्ण होगी। केंद्र सरकार के पास निर्णय करने के लिए 33 दिनों का समय है। यदि वह इन 33 दिनों में कोई निर्णय नहीं करती तो हम 17 मार्च को शाम 5 बजे के बाद कोई कड़ा निर्णय करेंगे।
गाय को राष्ट्रमाता घोषित किया जाए : स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि गाय को पशु की श्रेणी से हटाकर राष्ट्रमाता घोषित किया जाए और गोहत्या को अपराध माना जाए। प्रदेश सरकार स्कूलों के पाठ्यक्रम में गाय को शामिल करने जा रही है। लेकिन वहां भी अगर गाय को पशु बताया जाता है तो इसका क्या लाभ।(भाषा)
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Edited by: Ravindra Gupta