कौन हैं सुनेत्रा, जो दे सकती हैं बारामती में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को चुनौती  
					
					
                                       
                  
				  				
								 
				  
                  				  - पहली बार चुनाव लड़ सकती हैं अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा
 
		- 
			27 साल से पवार परिवार के पास हैं यह सीट
 
		- 
			3 बार से बारामती की सांसद हैं सुप्रीया सुले
 
	
	Loksabha election 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सभी दलों में तैयारियां जोरों से चल रही है। महाराष्ट्र में भी सभी दल चुनाव के लिए कमर कस चुके हैं। इस बार सभी की नजरें बारामती सीट पर लगी हुई है। पिछले 27 साल से इस सीट पर पवार परिवार का कब्जा है। मीडिया खबरों के अनुसार, इस बार यहां से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले की राह आसान नहीं है। यहां से सुनेत्रा पवार उन्हें कड़ी चुनौती दे सकती है। 
 				  																	
									  
	 
	सुनेत्रा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी है। बारामती से लोकसभा सांसद सुप्रिया से भी उनका रिश्ता ननद भाभी का है। उनके भाई पद्मसिंह पाटिल भी महाराष्ट्र में मंत्री रहे हैं। उनके भतीजे राणा जगजीत सिंह भी उस्मानाबाद से भाजपा विधायक है। सुनेत्रा और अजित के 2 बेटे पार्थ और जय हैं। पार्थ मावल से 2019 का लोकसभा चुनाव हार गए थे।
				  
	 
	अब तक राजनीति से दूर रही सुनेत्रा सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय है। वे 2010 में स्थापित एक गैर सरकारी संगठन एनवायरमेंटल फोरम ऑफ इंडिया की संस्थापक हैं। वे प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थान विद्धा प्रतिष्ठान की ट्रस्टी भी है।
				  						
						
																							
									  
	 
	अजित के बयान से लग रहे हैं कयास : NCP नेता अजित पवार ने कहा कि वह बारामती से एक ऐसा उम्मीदवार खड़ा करेंगे जिसने पहले कभी चुनाव नहीं लड़ा हो लेकिन उस व्यक्ति के पास पर्याप्त अनुभव वाले समर्थक होंगे। अजित पवार ने कहा कि लोगों को इस उम्मीदवार को यह मानकर वोट देना चाहिए जैसे कि वह स्वयं चुनाव में उतरे हो।
				  																													
								 
 
 
  
														
																		 							
																		
									  
	 
	बारामती लोकसभा सीट का इतिहास : बारामती लोकसभा सीट में पहला चुनाव 1957 में हुआ। 1957 से 1977 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जे में रहा। 1977 में भारतीय लोकदल के संभाजी राव काकड़े यहां से सांसद बने। 1980 और 1984 में शंकरराव पाटिल और शरद पवार ने यहां चुनाव जीता। 1985 में शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने तो ये सीट खाली हो गई। 1985 के उपचुनाव में जनता पार्टी के संभाजीराव काकाडे यहां से सांसद बने। 1989 में कांग्रेस से शंकरराव पाटील और फिर 1991 में अजीत पवार सांसद बने। इसके बाद से अब तक इस सीट पर पवार परिवार का ही कब्जा रहा।
				  																	
									  
	 
	बारामती से पवार परिवार का रिश्ता : बारामती सीट को शरद पवार की सीट माना जाता है। वे 5 बार यहां से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। इसके बाद सुप्रिया ने 2009 से लगातार तीन बार बारामती निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। 2006 से 2009 तक वे राज्यसभा सदस्य थीं। 
				  																	
									  
	 
	सुप्रिया के पिता और दिग्गज नेता शरद पवार ने 1967, 1972, 1978, 1980, 1985 और 1990 में बारामती सीट से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव जीते थे और 1984, 1996, 1998, 1999 और 2004 में बारामती से लोकसभा चुनाव जीते थे।
				  																	
									  
	 
	अजित पवार भी 1991 में यहां से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। वे 1991 से 2019 तक 7 बार यहां से विधानसभा चुनाव भी जीत चुके हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि पवारों की इस खानदानी सीट पर सुप्रिया चौथी बार जीतती है या सुनेत्रा पहली ही बार में अपनी ननद को चुनावी मैदान में पहली मात देती है।
				  																	
									  
	Edited by : Nrapendra Gupta