UNI
आज अखंड सौभाग्य का शुभ पर्व 'वट सावित्री व्रत' है। लॉकडाउन के चलते कम संख्या में बाहर आकर महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा और परिक्रमा की... सत्यवान और सावित्री की कथा सुनी.... देखते हैं एक नज़र चित्र झलक
UNI
वट पूजा से जुड़े धार्मिक, वैज्ञानिक और व्यावहारिक पहलू में 'वट' और 'सावित्री' दोनों का विशिष्ट महत्व माना गया है।
UNI
अमावस्या और पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला यह व्रत सौभाग्य और संतान प्राप्ति में सहायता देने वाला माना गया है।
UNI
पुराणों में यह स्पष्ट किया गया है कि वट में ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों का वास है।
UNI
वट एक विशाल वृक्ष होता है, जो पर्यावरण की दृष्टि से एक प्रमुख वृक्ष है, क्योंकि इस वृक्ष पर अनेक जीवों और पक्षियों का जीवन निर्भर रहता है।
UNI
वट वृक्ष का पूजन और सावित्री-सत्यवान की कथा का स्मरण करने के विधान के कारण ही यह व्रत वट सावित्री के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
UNI
धार्मिक मान्यता है कि वट वृक्ष की पूजा लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य देने के साथ ही हर तरह के कलह और संताप मिटाने वाली होती है।