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Written By WD Sports Desk
Last Modified: बुधवार, 31 जुलाई 2024 (17:00 IST)

क्या नीरज चोपड़ा के अलावा कोई साबित होगा छुपा रुस्तम, कल से एथलेटिक्स शुरु

अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने उतरेंगे भारतीय एथलीट, नीरज चोपड़ा पर होगी निगाहें

क्या नीरज चोपड़ा के अलावा कोई साबित होगा छुपा रुस्तम, कल से एथलेटिक्स शुरु - Onus on Neeraj Chopra as Athletics rolls out in Paris Olympics tomorrow
भारत का 29 सदस्यीय दल पेरिस ओलंपिक खेलों में गुरुवार से शुरू होने वाली एथलेटिक प्रतियोगिता में जब अपना अभियान शुरू करेगा तो सभी की निगाह नीरज चोपड़ा पर टिकी रहेंगी जो भाला फेंक में अपने खिताब का बचाव करके भारतीय खेलों के इतिहास में नया अध्याय जोड़ने की कोशिश करेंगे।

चोपड़ा मामूली चोटों के कारण ओलंपिक से पहले अधिक प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले पाए थे लेकिन इसके बावजूद उन्हें लगातार दूसरे ओलंपिक स्वर्ण पदक के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा है।चोपड़ा अगर 8 अगस्त को स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहते हैं तो वह भाला फेंक में अपने खिताब का बचाव करने वाले दुनिया के पांचवें खिलाड़ी और लगातार दो व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन जाएंगे।

इससे पहले एरिक लेमिंग (स्वीडन; 1908 और 1912), जॉनी मायरा (फिनलैंड; 1920 और 1924), जान ज़ेलेज़नी (चेक गणराज्य; 1992, 1996 और 2000) और एंड्रियास थोरकिल्डसन (नॉर्वे; 2004 और 2008) ही ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक की भाला फेंक स्पर्धा में अपने खिताब का बचाव किया।

चोपड़ा ने इस साल केवल तीन प्रतियोगिताओं में भाग लिया लेकिन यह 26 वर्षीय खिलाड़ी इसलिए स्वर्ण पदक का प्रबल दावेदार है क्योंकि विश्व स्तर पर उनका कोई भी अन्य प्रतिद्वंदी इस सत्र में असाधारण प्रदर्शन नहीं कर पाया है।

इस भारतीय एथलीट ने मई में दोहा डायमंड लीग में हिस्सा लिया था जिसमें उन्होंने 88.36 मीटर के थ्रो के साथ दूसरा स्थान हासिल किया था जो इस सत्र में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है। उन्होंने इसके बाद एहतियात के तौर पर ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक से नाम वापस ले लिया, क्योंकि वह अपनी जांघ की मांसपेशियों में दर्द महसूस कर रहे थे।

चोपड़ा, जिनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 89.94 मीटर है, ने 18 जून को फिनलैंड में पावो नूरमी खेलों में 85.97 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीतकर मजबूत वापसी की। उन्होंने पेरिस डायमंड लीग से बाहर होने का विकल्प चुना। उनके कोच ने बाद में चोपड़ा की फिटनेस को लेकर चिंताओं को खारिज कर दिया।

पिछले ओलंपिक खेलों के बाद चोपड़ा ने जिन 15 प्रतियोगिताओं में भाग लिया उनमें से केवल दो बार उन्होंने 85 मीटर से कम भाला फेंका।दोहा डायमंड लीग में चोपड़ा को हराने वाले और तोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता चेक गणराज्य के जैकब वाडलेज्च, जर्मनी के जूलियन वेबर और पूर्व विश्व चैंपियन एंडरसन पीटर्स एक बार फिर भारतीय सुपरस्टार के मुख्य प्रतिद्वंद्वी होंगे।

पुरुष भाला फेंक में एक अन्य भारतीय किशोर जेना भी अपनी चुनौती पेश करेंगे। उन्होंने पिछले साल एशियाई खेलों में 87.54 मीटर थ्रो के साथ ओलंपिक कोटा हासिल किया था लेकिन उसके बाद उन्हें 80 मीटर का आंकड़ा पार करने के लिए संघर्ष करना पड़ा।

पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा का क्वालीफिकेशन राउंड 6 अगस्त को होगा।एथलेटिक्स प्रतियोगिता की शुरुआत पुरुष और महिला 20 किमी पैदल चाल से होगी जिसमें अक्षदीप सिंह, विकास सिंह और परमजीत सिंह बिष्ट पुरुषों की जबकि प्रियंका गोस्वामी महिलाओं की स्पर्धा में भाग लेंगी।

भारतीय खिलाड़ियों में पुरुषों के 3000 मीटर स्टीपलचेज़र अविनाश साबले और पुरुषों की चार गुणा 400 मीटर रिले टीम शीर्ष पांच में जगह बनाने की क्षमता रखती है।ज्योति याराजी (महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़), पारुल चौधरी (महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज़), अन्नू रानी (महिलाओं की भाला फेंक), महिलाओं की चार गुणा 400 मीटर रिले टीम, तजिंदरपाल सिंह तूर (गोला फेंक) आदि खिलाड़ी भी अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हैं।

इस बीच गोला फेंक में राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक आभा खाटुआ को बिना कोई कारण बताए भारतीय एथलेटिक्स टीम से बाहर कर दिया गया था। भारत के किसी भी अधिकारी ने स्पष्टीकरण नहीं दिया कि उनका नाम चोट लगने, डोपिंग उल्लंघन या किसी अन्य तकनीकी मुद्दे के कारण हटा दिया गया है।इन ओलंपिक खेलों में बाधा दौड़ स्पर्धाओं सहित 200 मीटर से 1500 मीटर तक की सभी व्यक्तिगत ट्रैक स्पर्धाओं में रेपेचेज राउंड शुरू किया जाएगा। अब प्रत्येक हीट में शीर्ष पर रहने वाले खिलाड़ियों को सेमीफाइनल में सीधे प्रवेश मिलेगा जबकि अन्य खिलाड़ियों को रेपेचेज के जरिए यहां पहुंचने का मौका मिलेगा। (भाषा)