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Written By WD Sports Desk
Last Updated : रविवार, 4 अगस्त 2024 (17:14 IST)

Paris Olympics : चक दे इंडिया! भारत ग्रेट ब्रिटेन को हराकर सेमीफाइनल में पहुंचा, पीआर श्रीजेश शूटआउट में बने टीम की दीवार

चक दे इंडिया! भारत ग्रेट ब्रिटेन को हराकर सेमीफाइनल में पहुंचा, पीआर श्रीजेश शूटआउट में बने टीम की दीवार - India beats Great Britain in penalty shootout, enters semi-finals
Paris Olympics 2024 : पूरे 42 मिनट दस खिलाड़ियों के साथ खेलने के बावजूद भारतीय हॉकी टीम ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए पेनल्टी शूटआउट में ब्रिटेन को 4-2 से हराकर पेरिस ओलंपिक के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया।
 
चार क्वार्टर खत्म होने के बाद दोनों टीमों का स्कोर 1-1 से बराबर रहा और नतीजा पेनल्टी शूटआउट में गया। ग्रुप स्टेज में ग्रेट ब्रिटैन ने भारत को कड़ी टक्कर दी। दूसरे क्वार्टर में अमित रोहिदास (Amit Rohidas) को रेड कार्ड दिखाया गया था जिस कारण उन्हें पुरे मैच बाहर रहना पड़ा।  
 
अपना आखिरी टूर्नामेंट खेल रहे पी आर श्रीजेश (PR Sreejesh) एक बार फिर भारतीय हॉकी की दीवार साबित हुए और 42 मिनट तक दस खिलाड़ियों के साथ खेलने के बावजूद भारत ने ब्रिटेन को पेनल्टी शूटआउट (Penalty Shootout) में 4-2 से हराकर पेरिस ओलंपिक के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया।
 
तारीफ करनी होगी भारतीय डिफेंस की जिसने 36 वर्ष के श्रीजेश की अगुवाई में ब्रिटेन के हर हमले का बचाव करते हुए उसे बढत नहीं बनाने दी। ब्रिटेन ने 28 बार भारतीय गोल पर हमला बोला और महज एक कामयाबी मिली। निर्धारित समय तक स्कोर 1-1 से बराबर रहने पर मुकाबला शूटआउट में गया।
 
शूटआउट में भारत के लिए कप्तान हरमनप्रीत सिंह , सुखजीत सिंह, ललित उपाध्याय और राजकुमार पाल ने गोल दागे जबकि इंग्लैंड के जेम्स अलबेरी और जाक वालांस ही गोल कर सके। कोनोर विलियमसन का निशाना चूका और फिलिप रोपर का शॉट श्रीजेश ने बचाया।

तोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में ब्रिटेन को ही हराकर भारतीय टीम अंतिम चार में पहुंची थी। श्रीजेश तोक्यो में कांस्य पदक के मुकाबले में जर्मनी के खिलाफ भी भारत की दीवार साबित हुए थे और उन्होंने पेरिस ओलंपिक के अब तक के सबसे कठिन मुकाबले में भी अपेक्षाओं पर खरे उतरकर दिखाया।
 
निर्धारित समय में भारत के लिये हरमनप्रीत ने 22वें और ली मोर्टन ने 27वें मिनट में गोल दागा था।
 
रोहिदास को रेड कार्ड मिलने का ब्रिटेन ने फायदा उठाते हुए 19वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर बनाया लेकिन गोल नहीं कर सके। भारत को जवाबी हमले में 22वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे हरमनप्रीत ने गोल में बदला। यह पेरिस ओलंपिक में उनका सातवां गोल था।
 
ब्रिटेन टीम गेंद पर नियंत्रण में भारत पर लगातार भारी रही और 25वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर पर उसे वैरिएशन आजमाया लेकिन खाता नहीं खुल सका।

अब तक शानदार प्रदर्शन कर रहे भारतीय डिफेंस में पहली बार चूक देखी गई और 27वें मिनट में सर्कल पर से गोल के सामने मिली गेंद को मोर्टन ने गोल के भीतर डाला।

तीसरे क्वार्टर में भारतीय टीम फिर गेंद पर नियंत्रण के लिये जूझती नजर आई। ब्रिटेन ने पहले ही मिनट से आक्रामक खेल दिखाया और 36वें मिनट में उसे पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर फर्लोंग का शॉट श्रीजेश ने बचाया।
 
ब्रिटेन को तीन मिनट बाद आठवां पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर पहला और रिबाउंड दोनों शॉट भारतीय डिफेंडरों ने बचाये । तीसरे क्वार्टर के आखिरी मिनट में सुमित को ग्रीन कार्ड मिलने से चौथे क्वार्टर के पहले दो मिनट भारत को नौ खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा ।
 
ब्रिटेन ने चौथे क्वार्टर में लगातार हमले बोलने का सिलसिला जारी रखा लेकिन भारत की तारीफ करनी होगी कि दस खिलाड़ियों के साथ उसने गोल नहीं गंवाया।
 
इससे पहले शुरूआती क्वार्टर में भारतीय डिफेंस ने जबर्दस्त मुस्तैदी दिखाते हुए ब्रिटेन के कई हमलों को नेस्तनाबूद किया । दोनों टीमों को पहले 15 मिनट में तीन तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन गोल नहीं हो सका।
 
इंग्लैंड को पांचवें ही मिनट में रेफरल पर पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर अनुभवी डिफेंडर अमित रोहिदास ने जेरेथ फर्लोंग का शॉट बचाया । अगले ही पल मिले दूसरे पेनल्टी कॉर्नर पर जैक वालेर का शॉट भी ओडिशा के इस खिलाड़ी ने बखूबी बचाया।
 
भारतीय टीम 11वें मिनट में गोल करने के करीब पहुंची जब सुखजीत सिंह गेंद लेकर आगे बढे और हार्दिक सिंह को पास दिया जिन्होंने गेंद मनदीप को सौंपी लेकिन ब्रिटेन के गोलकीपर ओली पेन ने बखूबी बचाव किया।
 
अगले ही मिनट हार्दिक ने शानदार फॉर्म में चल रहे अभिषेक को गोल के सामने पास दिया लेकिन उनका निशाना सही नहीं लगा।
 
अगले मिनट में इंग्लैंड को पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर श्रीजेश चूके लेकिन जरमनप्रीत ने जबर्दस्त चुस्ती दिखाते हुए स्टिक से गेंद रोकी और उधर श्रीजेश ने तुरंत उसे बाहर निकाल दिया।

भारत को 13वें मिनट में लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन हरमनप्रीत के तीनों प्रयास विफल रहे।