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Written By WD Sports Desk
Last Modified: बुधवार, 7 अगस्त 2024 (12:51 IST)

टोक्यो का बदला पेरिस में लिया जर्मनी ने, वैसे ही 1 अंतर के गोल से हराया

भारतीय हॉकी टीम का 44 साल बाद ओलंपिक स्वर्ण जीतने का सपना जर्मनी ने तोड़ा, अब कांसे के लिये खेलेगी

टोक्यो का बदला पेरिस में लिया जर्मनी ने, वैसे ही 1 अंतर के गोल से हराया - Germany settles score of bronze Medal match defeat at the hands of India
ओलंपिक में 44 साल बाद स्वर्ण जीतने का भारतीय हॉकी टीम का सपना जर्मनी के हाथों सेमीफाइनल में 2 . 3 से मिली हार से टूट गया और भारतीय डिफेंस में विश्व चैम्पियन टीम ने बड़ी चतुराई से सेंध मारकर टीवी के आगे देर रात नजरें गड़ाये बैठे करोड़ों भारतीयों का दिल भी तोड़ दिया।

तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक के मुकाबले में जर्मनी को हराने वाली भारतीय टीम अब कांसे के लिये आठ अगस्त को स्पेन से खेलेगी। वहीं फाइनल जर्मनी और नीदरलैंड के बीच होगा।

पहले क्वार्टर में बढत बनाने के बावजूद भारतीय टीम लय कायम नहीं रख पाई । भारत को अपने अनुभवी फर्स्ट रशर अमित रोहिदास की कमी बुरी तरह खली जो ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में मिले रेडकार्ड के कारण एक मैच का प्रतिबंध झेल रहे थे।

भारत के लिये सातवें मिनट में कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने और 36वें मिनट में सुखजीत सिंह ने गोल किया जबकि जर्मनी के लिये गोंजालो पेयाट ने 18वें, क्रिस्टोफर रूर ने 27वें और मार्को मिल्टकाउ ने 54वें मिनट में गोल दागे।

आठ बार की चैम्पियन भारतीय टीम ने आखिरी बार ओलंपिक स्वर्ण 1980 में मॉस्को में और रजत 1960 में रोम में जीता था।

भारत को मैच में 12 पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन दो ही गोल में बदल सके।

भारत ने बेहद आक्रामक शुरूआत करते हुए दूसरे ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर बनाया जिस पर हरमनप्रीत का शॉट बचा लिया गया। अगले मिनट में फिर मिला पेनल्टी कॉर्नर भी बेकार गया। भारत को सातवें मिनट में लगातार चार पेनल्टी कॉर्नर मिले और चौथे को हरमनप्रीत ने गोल में बदला। भारतीय कप्तान का यह पेरिस ओलंपिक में आठवां गोल था।

पहले 15 मिनट में भारत ने दबदबा बनाये रखा और विरोधी गोल पर लगातार हमले बोले।

दूसरे क्वार्टर में जर्मनी ने आक्रामक वापसी की और 18वें मिनट में मैच का पहला पेनल्टी कॉर्नर बनाया जिसे पेलाट ने गोल में बदला।इसके दो मिनट बाद भारत के सामने गोल करने का मौका था लेकिन टूर्नामेंट में भी तक दो गोल कर चुके अभिषेक का निशाना गोल के ठीक सामने चूका।

इस बीच जर्मनी को 27वें मिनट में मिला पेनल्टी कॉर्नर वीडियो रेफरल पर पेनल्टी स्ट्रोक में बदला गया जिसे रूर ने गोल में बदलकर भारत पर 2 . 1 से बढत बना ली ।

हाफटाइम तक जर्मनी के पास यह बढत बरकरार रही।

ब्रेक के बाद भारतीय टीम ने आक्रामक शुरूआत की और पहले ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर बनाया लेकिन जर्मनी के डिफेंस ने हरमनप्रीत को रोकने के लिये अच्छा होमवर्क किया था । एक और पेनल्टी कॉर्नर पर हरमनप्रीत का पहला और रिबाउंड पर हार्दिक सिंह का प्रयास गोल में नहीं बदल सका ।

भारत को 36वें मिनट में मैच का 11वां पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर पहली बार वैरिएशन का इस्तेमाल किया गया तो जर्मन डिफेंस चकमा खा गया । हरमनप्रीत की फ्लिक को सुखजीत ने जर्मन गोल में डिफ्लैक्ट करके भारत को बराबरी दिलाई।

आखिरी क्वार्टर में भारतीय डिफेंस में शुरूआती मिनटों में ही जर्मनी का शर्तिया गोल बचाया। पेनल्टी कॉर्नर पर पेयाट का पहला शॉट श्रीजेश ने बचाया लेकिन गोल के सामने ही से रिबाउंड पर दूसरा शॉट युवा डिफेंडर संजय ने बहुत मुस्तैदी से बाहर निकाला।

जर्मनी को 51वें मिनट में फिर पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन लुकास विंडफेडर के शॉट को श्रीजेश ने बचाया और गेंद को सर्कल से हरमनप्रीत ने बाहर निकाला। इस बीच जर्मन स्ट्राइकर लगातार भारतीय गोल के भीतर ही गेंद को रखे हुए थे और तीन मिनट बाद मार्को मिल्टकाउ ने पेयाट के बेहतरीन पास पर उतनी ही खूबसूरती से स्टिक का कमाल दिखाकर गेंद को गोल के भीतर डाला। (भाषा)
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