पौषी पूर्णिमा के चाँद को निहारेंगी महिलाएँ
करें पूर्णिमा व्रत का उद्यापन
आज पौषी पूर्णिमा है। पूर्णिमा पर जहाँ सुहागन महिलाएँ 'पूनम के चाँद' को निहार कर साल भर तक होने वाले पूर्णिमा व्रत का उद्यापन करेंगी, वहीं बुधवार से ही माघी स्नान की भी शुरुआत हो जाएगी।ज्योतिषाचार्य पं. वासुदेव पुरोहित ने बताया कि माघ स्नान करने वाले श्रद्घालुओं को स्नान समाप्त होने तक पूरे एक माह भगवान विष्णु की पूजा करना चाहिए। इसके अलावा तिल्ली के दान का भी महत्व शास्त्रों में बताया गया है। स्नान तड़के करने का विधान है। पं. पुरोहित ने बताया कि पौषी पूर्णिमा पर पूर्णिमा व्रत का उद्यापन विधि विधान के साथ होता है। जो महिलाएँ वर्ष भर या संकल्प अनुसार पाँच वर्षों से पूर्णिमा करती हैं, उनके लिए पौषी पूर्णिमा व्रत उद्यापन के लिए श्रेष्ठ है। माघ माह की शुरुआत 20 जनवरी से होगी। माघ का स्नान 18 फरवरी तक चलेगा।
पौषी पूर्णिमा पर क्या करें :- -
सूर्योदय से पूर्व शिप्रा स्नान करें।-
शिप्रा स्नान नहीं हो सके तो घर में भी शुद्घ जल से स्नान किया जा सकता है।-
स्नान पश्चात भगवान विष्णु, लक्ष्मीजी की पूजा करें तथा खीर का नैवेद्य अर्पित करें। -
बन सके तो पूरे माह एक समय के भोजन का संकल्प ग्रहण करें।-
स्नान तथा पूजा के बाद नियमित रूप से तिल्ली का दान करें।-
स्नान समाप्त होने पर ब्राह्मण भोज कराएँ तथा यथा योग्य दान आदि देवें।-
माघी स्नान की शुरुआत 20 जनवरी से होगी।