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Last Modified: मंगलवार, 6 सितम्बर 2022 (16:01 IST)

वामन द्वादशी 2022 : क्यों करते हैं वामन पूजा, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

वामन द्वादशी 2022 : क्यों करते हैं वामन पूजा, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि - Vamana dwadashi 2022
Vaman Jayanti 2022: भाद्रपद शुक्ल पक्ष की द्वादशी को भगवान वामन की पूजा होती है। इसके बाद ओणम पर्व रहता है। वामन जयंती और ओणम पर्व दोनों ही एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। यह पर्व दक्षिण और उत्तर भारत की संस्कृति को जोड़ता है। कहते हैं इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करने तथा उनकी कथा सुनने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति परमपद प्राप्त करता है।
 
 
7 सितंबर 2022 के पूजा के शुभ मुहूर्त : 
अमृत काल : सुबह 10:11 से 11:38 तक।
विजय मुहूर्त  : दोपहर 02:40 से 03:30 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:36 से 07:00 तक।
योग : शोभन योग रहेगा। 
वामन जयंती पूजा विधि
- इस दिन श्रवण नक्षत्र में पूजा करना काफी फलदायी माना जाता है।
- इस दिन प्रात:काल उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें और पूजा समग्री एकत्रित कर लें।
- एक पाट या चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर भगवान वामन की एक तस्वीर स्थापित करें। 
- अब थोड़े चावल रखकर उसपर कलश स्थापित करें। कलश में जल, आम के पत्ते रखने के बाद उस पर नारियल रखें। कलश को मौली बांधें।
- अब दीपक जलाएं और धूप लगाएं।
- अब भगवान की षोडोपचार पूजा करें। यानी की 16 प्रकार की पूजा सामग्री उन्हें अर्पित करें। जैसे उन्हें हल्दी, कूंकू, रोली, मौली, पीले पुष्प, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
- पूजा के बाद उनकी आरती उतारें और फिर प्रसाद वितरण करें।
- पूजा और आरती के बाद वामन अवतार की कथा का श्रवण करें।
- इसके बाद ब्राह्मण या किसी गरीब को भोजन कराएं या उन्हें दान दक्षिणा दें।
- सभी को भोजन कराने के बाद अंत में खुद भोजन करें या पारण के समय पारण करें।
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