अन्नपूर्णा जयन्ती कब है, जानें कौन हैं माता अन्नपूर्णा
Annapurna Jayanti 2023: हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को माता अन्नपूर्णा की जयंती मनायी जाती है। इसी दिन दत्तात्रेय जयंती भी मनाई जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार 26 दिसंबर 2023 मंगलवार को यह जयंती मनाई जाती है। आओ जानते हैं कि कौन है अन्नपूर्णा माता।
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 26 दिसम्बर 2023 को सुबह 05:46 से प्रारंभ।
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 27 दिसम्बर 2023 को सुबह 06:02 पर समाप्त।
पूजा का शुभ मुहूर्त :-
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अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 12:01 से 12:42 तक।
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अमृत काल : दोपहर 01:18 से दोपहर 02:56 तक।
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विजय मुहूर्त: दोपहर 02:05 से दोपहर 02:46 तक।
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गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:29 से शाम 05:56 तक।
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सन्ध्या काल मुहूर्त : शाम 05:31 से 06:53 तक।
कौन है माता अन्नपूर्णा : इन्हें मां पार्वती का ही रूप माना जाता है। अन्नपूर्णा स्वरूप से संसार का भरण-पोषण होता है। 'ब्रह्मवैवर्त्तपुराण' के काशी-रहस्य के अनुसार मां भवानी ही अन्नपूर्णा हैं। स्कन्दपुराण के 'काशीखण्ड' अनुसार भगवान विश्वेश्वर गृहस्थ हैं और भवानी उनकी गृहस्थी चलाती हैं।
मां अन्नपूर्णा की कहानी-
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार प्राचीन समय में किसी कारणवश धरती बंजर हो गई, जिस वजह से धान्य-अन्न उत्पन्न नहीं हो सका, भूमि पर खाने-पीने का सामान खत्म होने लगा जिससे पृथ्वीवासियों की चिंता बढ़ गई।
परेशान होकर वे लोग ब्रह्माजी और श्रीहरि विष्णु की शरण में गए और उनके पास पहुंचकर उनसे इस समस्या का हल निकालने की प्रार्थना की। इस पर ब्रह्मा और श्रीहरि विष्णु जी ने पृथ्वीवासियों की चिंता को जाकर भगवान शिव को बताया। पूरी बात सुनने के बाद भगवान शिव ने पृथ्वीलोक पर जाकर गहराई से निरीक्षण किया।
इसके बाद पृथ्वीवासियों की चिंता दूर करने के लिए भगवान शिव ने एक भिखारी का रूप धारण किया और माता पार्वती ने माता अन्नपूर्णा का रूप धारण किया। माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांग कर भगवान शिव ने धरती पर रहने वाले सभी लोगों में ये अन्न बांट दिया। इससे धरतीवासियों की अन्न की समस्या का अंत हो गया, तभी से मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाने लगी।