मोक्ष दिलाती है यह एकादशी, ऐसे करें पूजन, जानें विशेष बातें...
* मोक्षदा एकादशी, इस सरल विधि से करें व्रत-पूजन...
मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष को आने वाली एकादशी मनुष्य को जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्त कराती है। इस व्रत को धारण करने वाला मनुष्य जीवन भर सुख भोगता है और अपने समय में निश्चित ही मोक्ष को प्राप्त होता है। अगहन मास के मोक्ष दिलाने वाले इस दिन को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। वर्ष 2017 में एकादशी का व्रत उपवास 29 नवंबर, बुधवार को रखा जाएगा। आइए जानें कैसे करें मोक्षदा एकादशी पर व्रत-पूजन...
मोक्षदा एकादशी पर व्रत-पूजन-
* मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी यानी मोक्षदा एकादशी के दिन प्रातः स्नानादि कार्यों से निवृत्त होकर प्रभु श्रीकृष्ण का स्मरण कर पूरे घर में पवित्र जल छिड़कें तथा अपने आवास तथा आसपास के वातावरण को शुद्ध बनाएं।
* तत्पश्चात पूजा सामग्री तैयार करें।
* तुलसी की मंजरी (तुलसी के पौधे पर पत्तियों के साथ लगने वाला), सुगंधित पदार्थ विशेष रूप से पूजन सामग्री में रखें।
* गणेशजी, श्रीकृष्ण और वेदव्यासजी की मूर्ति या तस्वीर सामने रखें। गीता की एक प्रति भी रखें।
* इस दिन पूजा में तुलसी की मंजरियां भगवान श्रीगणेश को चढ़ाने का विशेष महत्व है।
* पूजा-पाठ कर व्रत कथा को सुनें, पश्चात आरती कर प्रसाद बांटें।
* चूंकि इसी दिन श्रीकृष्ण ने अर्जुन को रणभूमि में उपदेश दिया था। अतः आज के दिन उपवास रखकर रात्रि में गीता-पाठ करते हुए या गीता प्रवचन सुनते हुए जागरण करने का भी काफी महत्व है।
आज से लगभग पांच हजार वर्ष पूर्व मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी के मंगल प्रभात के समय कुरुक्षेत्र की रणभूमि पर योगेश्वर श्रीकृष्ण के मुखारविंद से गीता का ज्ञान प्रवाह बहा और भारत को गीता का अमूल्य ग्रंथ प्राप्त हुआ। तबसे यह दिन भारत के ज्वलंत सांस्कृतिक इतिहास का एक सुवर्ण पृष्ठ बनकर रहा है।