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Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 12 मई 2025 (13:57 IST)

वैशाख पूर्णिमा पर करें इस तरह पितृ तर्पण तो मिलेगी पितृ दोष से मुक्ति

vaishaakh poornima par kaise karen pitr pooja
Pitru rituals step by step: वर्ष 2025 में सोमवार, 12 मई को वैशाख पूर्णिमा मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यता के अनूसार इस दिन पितरों को तर्पण करने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन किया गया तर्पण सीधे पितरों तक पहुंचता है और उन्हें तृप्ति प्रदान करता है, जिससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं यहां कि आज के दिन पितृ तर्पण कैसे करें....ALSO READ: बुद्ध पूर्णिमा पर बने हैं 3 शुभ योग, 3 महत्वपूर्ण कार्य करेंगे तो होगी मनोकामना पूर्ण
 
वैशाख पूर्णिमा पर पितृ तर्पण करने की विधि:
 
1. तैयारी:
- प्रातःकाल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- तर्पण के लिए तांबे का लोटा या कोई अन्य पवित्र पात्र लें।
- पानी में काले तिल, जौ और सफेद पुष्प मिलाएं। यदि घर में गंगा जल रखा हो तो वो भी मिलाएं।
- हाथ में कुश यानी एक प्रकार की घास और जल लेकर अपने पितरों का स्मरण करते हुए तर्पण करने का संकल्प लें।
 
2. तर्पण:
- अपने पितृ (पिता), पितामह (दादा) और प्रपितामह (परदादा) के लिए तीन बार जलांजलि दें। जलांजलि देते समय अपने पितरों का नाम गोत्र सहित लें और श्रद्धापूर्वक जल अर्पित करें।
- इसी प्रकार अपनी मातृ (माता), मातामह (नाना) और प्रमातामह (परनाना) के लिए भी तीन बार जलांजलि दें।
- परिवार के अन्य दिवंगत सदस्यों और ज्ञात-अज्ञात पितरों के लिए भी अपनी श्रद्धा अनुसार जलांजलि दें।
- जलांजलि देते समय आप निम्न मंत्र का जाप कर सकते हैं: 
'ॐ पितृभ्यः नमः'
'ॐ तत् सत् ब्रह्मणे नमः'
- तर्पण करते समय शांत चित्त रहें और अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता का भाव रखें। उनसे आशीर्वाद और मोक्ष की कामना करें।
 
3. पिंडदान (यदि संभव हो):
- यदि आपके घर में पिंडदान की परंपरा है, तो इस दिन पिंडदान करना भी बहुत शुभ माना जाता है।
- चावल के आटे को पानी या दूध में गूंथ कर छोटे-छोटे गोले या पिंड बनाएं।
- पिंडों को कुश के आसन पर रखें और पिंडों पर गंगा जल, दूध, शहद और काले तिल अर्पित करें।
- पितरों को श्रद्धापूर्वक भोजन अर्पित करने का भाव रखें और उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करें।
- पिंडदान के बाद पिंडों को पवित्र नदी या तालाब में विसर्जित कर दें। 
- यदि नदी या तालाब पास में न हो तो किसी पीपल के पेड़ के नीचे भी रखा जा सकता है।ALSO READ: बुद्ध पूर्णिमा पर कैसे करें भगवान बुद्ध की वंदना
 
4. इस दिन के खास अन्य उपाय:
 
- इस दिन भगवान विष्णु और चंद्रमा की पूजा करना भी शुभ माना जाता है।
 
- व्रत रखने वाले इस दिन सत्यनारायण की कथा सुनते हैं।
 
- अपनी क्षमतानुसार गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, जल, फल आदि का दान करें।
 
पितृ दोष से मुक्ति के लिए महत्व:
वैशाख पूर्णिमा पर किया गया पितृ तर्पण पितृ दोष से मुक्ति दिलाने में सहायक माना जाता है क्योंकि:
• यह दिन पितरों को समर्पित है और इस दिन उनकी पूजा व तर्पण विशेष फलदायी होता है।
• तर्पण से पितरों को तृप्ति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
• पितरों की प्रसन्नता से पितृ दोष के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
 
इसलिए, यदि आप पितृ दोष से पीड़ित हैं या अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो वैशाख पूर्णिमा के दिन विधिपूर्वक पितृ तर्पण अवश्य करें और इस समय का लाभ लें। 
 
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