ॐ जय जय गौमाता, मैया जय जय गौमाता
जो कोई तुमको ध्याता, त्रिभुवन सुख पाता
सुख समृद्धि प्रदायनी, गौ की कृपा मिले
जो करे गौ की सेवा, पल में विपत्ति टले
आयु ओज विकासिनी, जन जन की माई
शत्रु मित्र सुत जाने, सब की सुख दाई
सुर सौभाग्य विधायिनी, अमृती दुग्ध दियो
अखिल विश्व नर नारी, शिव अभिषेक कियो
ममतामयी मन भाविनी, तुम ही जग माता
जग की पालनहारी, कामधेनु माता
संकट रोग विनाशिनी, सुर महिमा गाई
गौ शाला की सेवा, संतन मन भाई
गौ मां की रक्षा हित, हरी अवतार लियो
गौ पालक गौपाला, शुभ संदेश दियो
श्री गौमाता की आरती, जो कोई सुत गावे
पदम् कहत वे तरणी, भव से तर जावे
* गौ माता की आरती 33 करोड़ देवताओं को प्रसन्न करती है क्योंकि गाय माता के शरीर में समस्त देवों का वास माना गया है।