सीता अष्टमी : कैसे करें व्रत-पूजन
क्या है सीताष्टमी व्रत का महत्व
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को माता सीता धरती पर अवतरित हुए थी। इसीलिए इस दिन सीता अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इसे जानकी जयंती के नाम से भी जाना जाता है। माता सीता का विवाह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के साथ हुआ था। माता सीता एक आदर्श पत्नी मानी जाती है।
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कैसे मनाएं सीता अष्टमी पर्व :- * सुबह नित्य कर्मों से निवृत्त होकर स्नान के पश्चात माता सीता तथा भगवान श्रीराम की पूजा करें। * उनकी प्रतिमा पर श्रृंगार का सामग्री चढ़ाएं। * दूध-गुड़ से बने व्यंजन बनाएं और दान करें। * शाम को पूजा करने के बाद इसी व्यंजन से व्रत खोलें।