स्वर्ण पदक असंभव, पर पदक की उम्मीद
विकास गौड़ा और कृष्णा पूनिया जैसे खिलाड़ी भले ही सही समय पर अपनी फार्म के शीर्ष पर हैं, लेकिन भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने स्वीकार किया कि लंदन ओलिम्पिक में स्वर्ण पदक जीतना लगभग असंभव है।भरतीय एथलीटों के स्तर और ओलिम्पिक समयों में जमीन-आसमान का अंतर है, लेकिन जहां तक चक्का फेंक के खिलाड़ियों गौड़ा और पूनिया तथा गुरमीत सिंह (20 किमी पैदल चाल) का सवाल है तो एएफआई ने उम्मीद बांध रखी है।एएफआई के महासचिव सीके वॉल्सन ने कहा, इस बार हम कई व्यक्तिगत स्पर्धाओं में चुनौती पेश करेंगे। उन सभी (गौड़ा, पूनिया और गुरमीत) ने ए स्तर हासिल किया है, जो सकारात्मक संकेत हैं। स्वर्ण पदक जीतना असंभव है, लेकिन हम पदक की उम्मीद कर सकते हैं। वॉल्सन ने हालांकि कहा कि अगर एथलीट अपनी 10 स्पर्धाओं में शीर्ष आठ में जगह बनाते हैं तो एएफआई संतुष्ट रहेगा।उन्होंने कहा, पदक जीतने के बारे में मैं 'हां' या 'ना' नहीं कह सकता। हम पदक की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वे स्पर्धा के दिन कैसा प्रदर्शन करते हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि अगर हमारे अधिकांश एथलीट शीर्ष आठ में जगह बनाते हैं तो हम संतुष्ट हो जाएंगे। यह मनोबल बढ़ाने वाला होगा। (भाषा)