सोमदेव वाइल्ड कार्ड मिलने से हैरान नहीं
सोमदेव देववर्मन ने कहा कि कंधे की चोट का लंदन ओलिंपिक के दौरान उनके खेल पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह टेनिस खिलाड़ी इस चोट के कारण 8 महीने तक प्रतिस्पर्धी टेनिस से भी बाहर रहा। सोमदेव वाइल्ड कार्ड से प्रवेश पाने के बाद पुरुष एकल में भाग लेंगे। उन्होंने खेल गांव में बातचीत के दौरान कहा कि ओलिंपिक के लिए वाइल्ड कार्ड मिलने से मैं हैरान नहीं हुआ। मेरे पास मौका था, लेकिन मैं यह नहीं कहूंगा कि मैंने इसकी उम्मीद की थी। कुल मिलाकर मैं खुश हूं कि मुझे यह मिला। उन्होंने कहा कि मैं पिछले 15 वर्षों से खेल रहा हूं और अब मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं और अच्छा प्रदर्शन करने के लिए मानसिक तौर पर तैयार हूं। उन्होंने कहा, ग्वांग्झू एशियाई खेलों के बाद मैं अपने चरम पर था। मैं दुनिया के चोटी के खिलाड़ियों चाहे वह नडाल हो, फेडरर या मर्रे के खिलाफ खेला। मैंने चोटी के 30 में शामिल कुछ खिलाड़ियों को हराया। मैं 62वें नंबर पर पहुंच गया, जो रमेश कृष्णन के बाद किसी भारतीय की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग थी। सोमदेव से पूछा गया कि चोट से वापसी करने के बाद उनका कंधा कैसा है, उन्होंने कहा, मेरे करियर में पहली बार इस तरह की चोट लगी। मेरे कंधे पर चोट लगती रहती थी, लेकिन मैंने उसे नजरअंदाज किया और आखिर में स्थिति बिगड़ गई। इसलिए मैंने नवंबर में ऑपरेशन करवाया और अब मैं पूरी तरह फिट हूं। उन्होंने कहा कि उनके करियर में उतार-चढ़ाव आते रहे, लेकिन मेरा मानना है कि ऐसा प्रत्येक खिलाड़ी के साथ होता है। टेनिस में प्रतिस्पर्धा कड़ी है और इसमें आपको सब कुछ झोंक देना पड़ता है। इससे आपके शरीर पर भी प्रभाव पड़ता है, लेकिन आपको इसके साथ जीना होता है। सोमदेव ने कहा कि वे खेलगांव में रहने के दौरान अमेरिका के बास्केटबॉल खिलाड़ियों और फर्राटा धावक उसैन बोल्ट से मिलना चाहेंगे। (भाषा)