Last Modified: कोलकाता ,
मंगलवार, 24 जुलाई 2012 (15:33 IST)
बहन के लिए लगाएंगे पदक पर निशाना
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भारतीय तीरंदाज राहुल बनर्जी का कहना है कि यदि उसकी बड़ी बहन डोला ने मां की तरह उसका साथ नहीं दिया होता तो वे कभी कामयाब नहीं हो पाते और वे उसी के लिए ओलिंपिक पदक जीतना चाहते हैं।
डोला को बारानगर तीरंदाजी क्लब में अभ्यास करते देख बड़े हुए 25 बरस के राहुल की ख्वाहिश भारत के लिए तीरंदाजी का पहला ओलिंपिक पदक जीतने की डोला की अधूरी इच्छा पूरी करने की है। विश्व चैम्पियन बनने के बावजूद डोला यह उपलब्धि हासिल नहीं कर सकी थीं।
राहुल ने कहा कि मुझे शुरुआती दिन याद हैं जब दीदी कोई टूर्नामेंट जीतती थी तो सारा पैसा मुझे उपकरण दिलाने पर खर्च कर देती थी। उनके बिना मैं कभी यहां तक नहीं पहुंच पाता। राहुल, तरुणदीप राय और जयंत तालुकदार ओलिंपिक में जा रही पुरुष तीरंदाजी टीम के सदस्य हैं।
उन्होंने कहा कि वे तीरंदाजी में मेरे लिए मां की तरह हैं। मैं भुलक्कड़ हूं लेकिन वे मेरी सारी चीजें व्यवस्थित रखती हैं। अब मैं जिम्मेदारी उठाने लगा हूं। एथेंस ओलिंपिक 2004 और बीजिंग ओलिंपिक 2008 में खेल चुकी डोला इस बार लंदन का टिकट नहीं कटा सकी है। (भाषा)