Last Modified: फरीदाबाद ,
शुक्रवार, 20 जुलाई 2012 (20:41 IST)
साइना जीत सकती हैं ओलिम्पिक पदक
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भारत की दूसरी साइना नेहवाल कही जा रही एशियाई अंडर-19 बैडमिंटन चैंपियन पीवी सिंधु का मानना है कि स्टार खिलाड़ी साइना लंदन ओलिम्पिक से जरूर पदक जीतकर लौटेंगी।
राष्ट्रीय चैंपियन सिंधु आज यहां मानव रचना स्पोर्ट्स अकादमी में एकदिवसीय बैडमिंटन ट्रैनिंग क्लीनिक में बच्चों को खेल के गुर सिखाने के बाद संवाददाताओं से बात कर रही थीं। विश्व रैंकिंग में 25 वें नंबर की खिलाड़ी सिंधु ने कहा कि मेरा भी सपना है कि मैं ओलिम्पिक में देश के लिए खेलूं। मैं 2016 के अगले ओलिम्पिक में देश के लिए खेलकर पदक जीतना चाहूंगी।
लंदन ओलिम्पिक में भारत की बैडमिंटन में पदक संभावनाओं पर एशियाई जूनियर चैंपियन सिंधु ने कहा कि मैं पहले तो भारतीय खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देना चाहूंगी। मुझे पूरी उम्मीद है कि साइना इस बार पदक जरूर जीतेंगी। वह पिछले ओलिम्पिक में क्वार्टर फाइनल में हार गयी थीं। पी कश्यप भी अच्छा खेल रहे हैं। ज्वाला गुट्टा और बी दीजू की मिश्रित युगल जोड़ी भी कुछ कमाल कर सकती है।
इस अवसर पर मौजूद पूर्व जूनियर राष्ट्रीय कोच संजीव सचदेवा ने भी कहा कि साइना लंदन में पदक जीत सकती हैं। यह मेरा विश्वास कहता है। कश्यप भी बढ़िया खेल रहे हैं। हाल में वह दो सेमीफाइनल खेल चुके हैं। ज्वाला और अश्विनी पोनप्पा की महिला युगल जोड़ी भी उम्मीद बंधाती है।
पूर्व आल इंग्लैंड चैम्पियन और राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद को अपना आदर्श मानने वाली सिंधु का अगला लक्ष्य रैंकिंग में टॉप 10 खिलाड़ियों में पहुंचना है। सिंधु ने कहा कि मेरा अगला लक्ष्य टॉप 10 है। वैसे तो मैं नम्बर वन बनना चाहती हूं। मैं इसके लिए कड़ी मेहनत और अभ्यास कर रही हूं।
इस खेल की महाशक्ति चीन के खिलाडियों के बारे में पूछे जाने पर सिंधु ने कहा कि इस बात में कोई दो राय नहीं कि चीन के खिलाड़ी बहुत मजबूत हैं, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि उन्हें हराया नहीं जा सकता। भारतीय खिलाड़ी अच्छे हैं और वे चीन के खिलाड़ियों को हरा सकते हैं।
साइना से अपनी तुलना के बारे में पूछे जाने पर सिंधु ने कहा कि दो खिलाड़ियों के बीच कोई तुलना नहीं हो सकती। उनकी अपनी शैली है मेरी अपनी। महान प्रकाश पादुकोण के बाद जूनियर और राष्ट्रीय एकल खिताब एक साथ अपने नाम रखने वाली पहली खिलाड़ी सिंधु ने कहा कि वह आक्रामक अंदाज में खेलना पसंद करती हैं। आगामी टूर्नामेंटों के लिए सिंधु ने कहा कि यह तो गोपी सर तय करते हैं कि मुझे किन टूर्नामेंटों में खेलना चाहिए।
सिंधु के माता-पिता राष्ट्रीय स्तर के वालीबाल खिलाड़ी रह चुके हैं। उनकी मां विजया पांच साल नेशनल खेली थीं जबकि पिता पी वी रमन्ना 19 साल नेशनल खेले थे और वह 1986 में एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे।
सिंधु की मां विजया ने कहा कि हमने उसकी रुचि को देखते हुए उसे बैडमिंटन में डाला था। हमें खुशी है कि हमारा फैसला सही निकला। हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले वर्षों में वह देश के लिए अन्तराष्ट्रीय स्तर और ओलिम्पिक में पदक जीतेगी। (भाषा)