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Last Updated : शुक्रवार, 16 जुलाई 2021 (15:06 IST)

एथेंस ओलंपिक 2004: फौजी राज्यवर्धन राठौर के अचूक निशाने से मिला भारत को एकमात्र पदक

एथेंस ओलंपिक 2004: फौजी राज्यवर्धन राठौर के अचूक निशाने से मिला भारत को एकमात्र पदक - Rajyavardhan Singh Rathore shines with silver in athens olympic 2004
13 अगस्त 2004 से 29 अगस्त 204 तक खेले गए इन ओलंपिक में भारत ने कुल 14 खेलों में 73 खिलाड़ियों का दल भेजा था, इनमे से 48 पुरुष खिलाड़ी थे और 25 महिला खिलाड़ी थी। खिलाड़ियों की संख्या देखकर लग रहा था कि भारत इस बार ओलंपिक खेलों की जन्मभूमि और यूनान की राजधानी में प्रभाव दिखाने वाला है। लेकिन जब  समापन हुआ तो वही ढाक के तीन पात। भारत को महज एक मेडल जीतने को मिला। 
 
युद्ध का मैदान हो या खेल का मैदान, एक फौजी अपने देश के लिए जी जान लगा देता है। एथेंस ओलंपिक में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला ओलंपिक शुरु होने के महज 4 दिन बाद ही कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने भारत का खाता खुलवा दिया जो उस वक्त भारतीय सेना का हिस्सा थे और अब भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं। उनके इस प्रदर्शन की बराबरी 2004 के ओलंपिक में कोई खिलाड़ी नहीं कर पाया। 
 
राज्यवर्धन सिंह राठौर एकल प्रतियोगिता में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। इससे पहले भी एकल प्रतियोगिता में भारतीय खिलाड़ियों ने मेडल जीता था लेकिन सबके नाम के आगे कांस्य था। 
 
पुरुष डबल ट्रैप मुकाबले में राज्यवर्धन सिंह राठौर ने रजत पदक जीता। इस प्रतियोगिता में संयुक्त अरब अमीरात के अहमद अल मकतूम ने स्वर्ण पदक जीता और चीन के वांग जेंग ने कांस्य पदक जीता। 
 
बाकी खेलों में भारत का प्रदर्शन निराशाजनक रहा- 
 
हॉकी- हॉकी ही ऐसा टीम गेम था जिसमें भारत ने अपना दल ऐथेंस में भेजा था। लेकिन टीम के लचर प्रदर्शन की खासी आलोचना हुई। भारत हॉलैंड से पहला मैच हारा लेकिन दक्षिण अफ्रीका को हराया इसके बाद ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से मात खायी लेकिन अर्जेंटीना क 2-2 की बराबरी पर रोका। सबसे खराब नतीजा जो भारतवासियों को चुभा वह था 0-3 से पाकिस्तान से हार। हालांकि इसके बाद भारत ने दक्षिण कोरिया को हराया और चौथे स्थान पर रही। 
 
एथलेटिक्स- भारतीय खिलाड़ी लगभग हर इवेंट से बाहर होते रहे। उद्घाटन समारोह में भारत की धव्जवाहिका अंजू बॉबी जॉर्ज लॉंग जंप में 5 वीं स्थान पर रही।
 
टेबल टेनिस और लॉन टेनिस-
 
टेबल टेनिस में शरत कमल दूसरे और मौउमा दास पहले राउंड के बाद ही बाहर हो गई। वहीं लॉन टेनिस में महेश भूपति और लिएंडर पेस की सदाबहार जोड़ी ने कमाल दिखाया और हर बाधा यह दोनों पार कर रहे थे, लेकिन अंत में मेडल लाने में नाकाम रहे और चौथे नंबर से दोनों को संतोष करना पड़ा।
 
भारोतोल्लन- कर्णम मल्लेश्वरी सिडनी की सफलता दोहराने के दबाव में बिखर गई और 63 वर्ग किलोग्राम में वजन नहीं उठा पायी। हालांकि 48 वर्ग किलो ग्राम में कुंजर्नी देवी ने चौथा स्थान प्राप्त किया। (वेबुदुनिया डेस्क)
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