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Last Updated : शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2017 (16:49 IST)

ह्यूस्टन में एक डॉलर का घर 40 सेंट में

ह्यूस्टन में एक डॉलर का घर 40 सेंट में - hurrycane affected homes
ह्यूस्टन। यहां गलियों में निवेशक बाढ़ के पानी से घिरे घरों को खरीदने के लिए चक्कर लगा रहे हैं ताकि आजीवन बेहतर रिटर्न देने वाला निवेश किया जा सके तो दूसरी ओर विक्रेताओं को कहा जा रहा है कि 'हम बाढ़ से घिरे घरों को खरीदना चाहते हैं, जितनी जल्दी संभव हो, अपना घर बेच दो। लेकिन मकान मालिकों की दुविधा है कि वे अपना घर इतनी सस्ती दरों पर कैसे बेच दें क्योंकि संभव है कि दोबारा ऐसा घर बनाना असंभव हो जाए।    
 
रांच शैली में बने एक घर के वृद्ध मालिक और उसकी पत्नी घर को छोड़ना चाहते हैं और दोनों ही ज्यादा चलने फिरने से मजबूर लेकिन तीन सप्ताह पहले एक लाख बीस हजार डॉलर मकान की आधी कीमत लगाई जा चुकी है और वे मकान को बेचने के बारे में सोच रहे हैं। लेकिन इससे पहले आधा दर्जन निवेशकों ने उनके घर की कीमत 55,000 डॉलर तक कम लगाई है।   
 
यह लालच और भय के बीच की रस्साकशी है और मकान मालिक भी जानते हैं कि निवेश करने वाले गिद्ध की तरह से उनकी सम्पत्तियों पर नजरें गढ़ाए हैं। तूफान प्रभावित टेक्सास और फ्लोरिडा में अरबों डॉलर की सम्पत्ति बिकाऊ है और सम्पत्तियों में निवेश करने वालों के लिए यह सबसे अधिक उपयुक्त मौका है। वे अपनी चेकबुक्स के लिए तैयार बैठे हैं और उन्हें पता है कि वे कम से कम कीमत पर खरीद सकते हैं और इसे बेहतर मौके पर बेच सकते हैं। संभव हो तो वे इन घरों को वर्षों तक किराए पर दे सकते हैं। इस तरह उनका निवेश दोगुना,तिगुना रिटर्न दे सकता है। 
 
इस तरह की सौदेबाजी सफल होती है। विदित हो कि सत्तर के दशक में जब न्यू यॉर्क में करीब-करीब लोगों के दिवालिया होने का समय था तब खरीददारों ने कॉऑप्स और ऑफिस टॉवर्स को हथियाने का सुनहरा मौका पाया था। हाल ही में, कंपनियां जिनमें ब्लैकस्टोन ग्रुप एलपी और अन्य बड़े नाम शामिल हैं, ने 2008 के वित्तीय संकट के बाद बैंकों, कंपनियों के कब्जे वाले मकानों को खरीदा था और इस तरह उन्हें अरबों डॉलर का लाभ हुआ है।   
 
ज्यादातर प्राकृतिक आपदाओं के बाद छोटे निवेशकों की चांदी हो जाती है और वे तूफान के बाद पानी से घिरे तीस से ज्यादा मकानों को औसतन 175,000 डॉलर प्रति मकान की दर से खरीद लेते हैं। इसके बाद वॉल स्ट्रीट की दिग्गज कंपनियां सक्रिय हो जाती हैं और बड़े कारोबारियों का खेल शुरू हो जाता है  और मकान मालिक अपने बने बनाए घरों को बेचकर जीवन चलाने के कोई और तरीके खोजने लगते  हैं। इस तरह के कारोबार में प्राइवेट इक्विटी फर्मों और पेंशन फंड्‍स को लाभ कमाने का मौका मिलता है। ‍तूफान हार्वे और इरमा के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने भयभीत होकर अपने घर बेच डाले थे।
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