भारतीय प्रवासियों ने जीती अदालती लड़ाई
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प्रसून सोनवलकर ब्रिटेन में हजारों भारतीय और अन्य गैरयूरोपीय संघ के पेशेवरों ने ब्रिटेन के हाईकोर्ट में कानूनी लड़ाई जीत ली है जिसमें आव्रजन नियमों में बदलावों को चुनौती देने की अनुमति दी गई है।हाइली स्किल्ड माइग्रेंट्स फोरम (एचएसएमपी) के प्रमुख अमित कपाड़िया ने प्रेस ट्रस्ट को बताया कि कानूनी चुनौती गृह मंत्रालय के खिलाफ है, जो दक्ष प्रवासियों के वीजा के लिए अवधि पाँच साल बढ़ाने पर जोर दे रहा है जबकि मूल तौर पर उन्हें चार साल के बाद ब्रिटेन में स्थायी नागरिकता का वादा किया गया था।कपाड़िया ने कहा कि स्थायी निवास में एक अतिरिक्त वर्ष के विलंब ने प्रवासियों और उनके परिजनों को काफी तकलीफ पहुँचाई है। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान उपन्यायाधीश स्टुअर्ट इजाक्स ने कहा कि एचएसएमपी फोरम का मामला स्पष्ट तौर पर बहस योग्य है। आव्रजन नियमों में बदलाव के खिलाफ पूर्ण सुनवाई जल्द ही शुरू होने वाली है। ब्रिटेन में एचएसएमपी कार्यक्रम के तहत पहुँचने वाले भारतीयों और अन्य पेशेवरों के लिए यह एक और जीत है। अप्रैल में भी एचएसएमपी फोरम बदलावों की न्यायिक समीक्षा संबंधी मामला जीत गया था तब जस्टिस जार्ज न्यूमैन ने कहा था- मैंने पाया कि योजना की शर्तों में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि एक बार यदि कोई प्रवासी योजना में शामिल हो जाता है तो वह शामिल होने की तारीख की तय शर्तों के अनुसार लाभ हासिल करेगा। गृह मंत्रालय ने इस व्यवस्था को माना लेकिन ब्रिटेन में स्थायी आवास के लिए चार वर्ष की अवधि के मूल मानदंड में किए गए बदलाव से पीछे हटने से मना कर दिया। कपाड़िया ने कहा- गृह मंत्रालय ने व्यवस्था नहीं मानी इसलिए हमें अदालत में जाना पड़ा।