दिल्ली भाजपा में असमंजस, आखिर करें तो क्या?
-एसके शुक्ल
देश के दिल दिल्ली में लोकसभा चुनाव की वोटिंग हो चुकी है। जिसके बाद से सभी नेता आराम फरमा रहे हैं। फिर भी, कुछ नेता असमंजस में हैं कि वो करें तो क्या?दरअसल, दिल्ली भाजपा के नेता इस बात से काफी उत्साहित हैं कि बीजेपी को लगभग सभी प्री-पोल सर्वे के परिणामों में सरकार बनाने की स्थिति में बताया गया है, लेकिन उनकी चिंता इस बात को लेकर है कि अभी भी वो खुद को लोकसभा चुनाव के मोड में रखें और लोकसभा सीट के हिसाब से ही अपनी गतिविधियां जारी रखें या आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर उस हिसाब से तैयारी करें।इस बारे में हमने दिल्ली बीजेपी के एक बड़े नेता से बात की। उनका कहना है कि हमारे ऊपर काम का बोझ काफी ज्यादा है, क्योंकि कोई भी संगठन 6 माह के अन्दर तीन चुनावों का बोझ कैसे ढो सकता है, जबकि आगे का कुछ भी साफ नहीं है। दरअसल इनका इशारा उन ख़बरों को लेकर है, जिसमें लोकसभा चुनाव के बाद अरविन्द केजरीवाल को फिर से सीएम बनने के बारे में कहा जा रहा है।ऐसे में बाजारी अटकलों पर ध्यान दें तो अरविन्द के सीएम बनते ही दिल्ली में विधानसभा चुनाव की अटकलों पर विराम लग जाएगा और अगर ऐसा हुआ तो जो पार्टियां विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लगी हैं, उनकी मेहनत व्यर्थ हो जाएगी।अब दिल्ली बीजेपी नेता ऐसे दोराहे पर हैं, जहां उन्हें समझ ही नहीं आ रहा कि वो करें भी तो क्या? वो लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर ध्यान दें या अभी की तरह आरामतलबी ही करें।