घट स्थापना के शुभ मुहूर्त
नवरात्रि विशेष
सामान्यतः चार नवरात्रि मानी गई है- चैत्र नवरात्रि, आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा से, शारदीय नवरात्रि तथा माघ शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होने वाली सारस्वत नवरात्रि। इसमें से चैत्र और शारदीय नवरात्रि प्रकट नवरात्रि और आषाढ़ तथा माघ-पौष नवरात्रि गुप्त नवरात्रि कहलाती है। चैत्र नवरात्रि को वासंतिक नवरात्रि भी कहते हैं।चारों में चैत्र नवरात्रि तथा शारदीय नवरात्रि प्रमुख व प्रसिद्घ हैं। शारदीय नवरात्रि पूजन की शुरुआत सर्वप्रथम भगवान श्रीराम ने समुद्र तट पर की थी। कहा जाता है कि इस नवरात्रि में भगवान श्रीराम ने शक्ति की आराधना कर दसवें दिन दशानन के वध के लिए प्रस्थान किया था।
तभी से शक्ति की आराधना की परंपरा है। विभिन्न सिद्घियाँ व विजय प्राप्त करने के लिए यह नवरात्रि श्रेष्ठ मानी गई है।दुर्गा की मूर्तियों की स्थापना और गरबों की धूम से शहर नौ दिनों तक सराबोर रहेगा। अश्विन शुक्ल प्रतिपदा पर घट स्थापना होगी। प्रस्तुत हैं आज के घट स्थापना के शुभ मुहूर्त। शुभ समय एवं घट स्थापना मुहूर्त- प्रात: 06.21-10.30, दिन 12.10 से 1.41 सायं 04.30-06.10। विशेष : नवरात्रि के लिए कलश (घट) स्थापना करने के पश्चात उसका स्थान एक ही रहना चाहिए, नवरात्रि पूर्ण होने तक।