नपुंसकता दूर भगाए रोज इलायची खाएं...
आयुर्वेद में छुपी अमृत जड़ी बूटी पहचानें
हमारे देश की जैव विविधता दुनिया के किसी भी दूसरे देश से कहीं ज्यादा है। देश में जितनी किस्म की जड़ी बूटियां और मसाले पैदा होते हैं उतने कहीं और नहीं होते। भारतीय भोजन शैली में मसालों को चटपटेपन के लिए नहीं बल्कि उनके चिकित्सकीय फायदों के कारण डाला जाता है। कई मसाले ऐसे हैं जिनके फायदे तो हम भूल चुके है लेकिन उनका इस्तेमाल हो रहा है। अमृत जड़ी बूटी सीरीज में पढ़िए ऐसे ही मसालों से जुड़ी रोचक एवं ज्ञानवर्धक जानकारी- हरी इलायची को हम केवल मुंह साफ करने वाले मसाले के तौर पर जानते हैं। हमारी रसोई में यह हमेशा विद्यमान रहती है। इसके कुछ फायदों के बारे में भले ही हमें जानकारी हो लेकिन क्या हम जानते हैं कि दूध और इलायची के संयोग से एक सशक्त वाजीकरण नुस्खा तैयार होता है।
मुंह की बदबू होती है दूर
मुंह की बदबू होती है दूर : सभी जानते हैं कि इलायची खाने से मुंह की बदबू दूर होती है लेकिन क्या यह सोचा है कि मुंह से बदबू क्यों आती है। दरअसल पेट खराब होने के कारण मुंह से बदबू आने लगती है। हरी इलायची खाने से पेट का हाजमा ठीक होता है साथ ही इसमें मौजूद एक ताकतवर एंटीबैक्टेरियल रसायन की वजह से मुंह की बदबू भी खत्म होती है।यह समस्या को जड़ से निकालने में मदद करती है। इसका नियमित सेवन करने के लिए कोई टिप की आवश्यकता नहीं है, हर बार भोजन के बाद इलायची खाना शुरु कर दें। इसके अलावा सुबह उठते ही केवल इलायची की चाय यानी इलायची को पानी में उबालकर एक कप पिएं। इससे आपका हाजमा ठीक हो जाएगा। सेक्स लाइफ को बढ़ाती है इलायची : अगले पेज पर पढ़ें
सेक्स लाइफ को बढ़ाती है इलायची : इलायची को वाजीकरण नुस्खे के तौर पर भी जाना जाता है। इलायची एक ऐसे टॉनिक के रूप में भी काम करती है जिससे सेक्स लाइफ में इजाफा होता है। यह शऱीर को ताकत प्रदान करने के साथ-साथ असमय स्खलित होने और नपुंसकता की समस्या से भी निजात दिलाने में सक्षम है। दूध में इलायची डालकर उबालें। खूब अच्छे से उबल जाए तो इसमे शहद मिलाएं और नियमित रूप से रात को सोते समय इसे पी लें। आप देखेंगे कि आपकी सेक्स लाइफ में आनंद के साथ दीर्घता भी शामिल हो गई है।
अगले पेज पर : हाजमा की प्रक्रिया दुरुस्त होती है
हाजमा की प्रक्रिया दुरुस्त होती है : कभी यह सोचा है कि भोजन के बाद इलायची को सौंफ के साथ ही क्यों खाया जाता है? दरअसल इलायची में मौजूद तत्व हाजमें की प्रक्रिया को गति को तेज करने में सहायक होते हैं। इलायची पेट की अंदरूनी लाइनिंग की जलन को शांत करती है हृदयशोथ और उबकाइयां आने के एहसास को दबाती है।
यह म्यूकस मैंब्रेन की दाह को शांत करने तथा उसे ठीक से काम करने के लिए प्रेरित करने के लिए जानी जाती है। यह ऐसिडिटी के लक्षणों को भी कम करती है। आयुर्वेद में तो यह पेट के पानी और वहां मौजूद वायु को ठीक करने वाली मानी गई है। बदहजमी, पेट फूलना, गैसेस जैसी समस्या से निपटने के लिए हरी इलायची, खड़ा धनिया, लौंग,सुखी अदरक को मिलाकर पीस लें और गर्म पानी के साथ एक चम्मच लें। बदहजमी के कारण उठे सिरदर्द में हरी इलायची की चाय फायदा करती है।
अगले पेज पर पढ़ें : एसिडिटी से छुटकारा
एसिडिटी से छुटकारा : क्या आप जानते हैं कि इलायची में तैल भी मौजूद होता है। इलायची में मौजूद इसेंशियल ऑयल पेट की अंदरुनी लाइनिंग को मजबूत करने में सहायक होता है। एसिडिटी में पेट में एसिड्स जमा हो जाते हैं। उससे पेट की लाइनिंग क्षतिग्रस्त हो सकती है। इलायची मुंह में लेते ही लार अधिक मात्रा में बनने लगती है इससे एसिडिटी का प्रभाव कम हो जाता है और इससे छुटकारा मिलता है। हर बार भोजन के बाद इलायची जरूर खाएं। भोजन करने के तत्काल बाद बैठने की बजाए इलायची मुंह में दबाकर सौ कदम चलें। आयुर्वेद में इसे शतपादवली चिकित्सा भी कहा जाता है।
फेफड़ों की समस्या का निदान : पढ़ें अगले पेज पर
फेफड़ों की समस्या का निदान : हरी इलायची से फेफड़ों में रक्तसंचार तेज गति होने लगता है, इससे सांस लेने की समस्या जैसे अस्थमा, तेज जुकाम और खांसी जैसे रोगों के लक्षणों में कमी आती है। आयुर्वेद में इलायची को गर्म तासीर का माना गया है जो शरीर को अंदर से गर्म करती है। इससे बलगम और कफ बाहर निकालकर छाती की जकड़न को कम करने में मदद मिलती है।