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Written By WD
Last Updated :नई‍ दिल्ली , शनिवार, 26 जुलाई 2014 (23:34 IST)

वैदिक-हाफिज मुलाकात पर क्या बोली सरकार...

वैदिक-हाफिज मुलाकात पर क्या बोली सरकार... -
नई दिल्ली। वरिष्ठ भारतीय पत्रकार और पाकिस्तानी आतंकवादी सरगना हाफिज सईद के बीच हाल ही में हुई मुलाकात के मुद्दे पर आज लगातार दूसरे दिन भी संसद में कामकाज बाधित हुआ। सरकार ने कहा कि पत्रकार की पाकिस्तान यात्रा या सईद से उसकी मुलाकात का सरकार से दूर-दूर तक का वास्ता नहीं है।
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प्रश्नकाल स्थगित कर सरकार से जवाब की मांग पर अड़ी कांग्रेस के सदस्यों ने लोकसभा और राज्यसभा में प्रश्नकाल को बाधित किया और इस मसले पर हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही भोजनावकाश से पहले एक बार स्थगित करनी पड़ी।

शून्यकाल में भी दोनों सदनों में यह मामला उठा तथा कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी सदस्यों ने इस मुलाकात को राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति चिंता का विषय बताते हुए आसन के समक्ष आकर नारेबाजी की। बाद में दिए गए बयान में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि सरकार का पाकिस्तान में एक भारतीय पत्रकार की सर्वाधिक वांछित आतंकवादी हाफिज सईद से हाल ही में हुई मुलाकात से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होने कहा कि मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ स्पष्ट कहना चाहती हूं कि वेदप्रताप वैदिक की पाकिस्तान यात्रा या हाफिज सईद से उनकी मुलाकात से भारत सरकार का दूर दूर का भी संबंध नहीं है।

उन्होंने कहा ‍कि वैदिक ने ना तो पाकिस्तान जाने से पहले और न ही वहां जाकर हमें ऐसी कोई सूचना दी कि वह हाफिज सईद से मिलने वाले हैं।

विदेश मंत्री ने कहा कि वैदिक की पाकिस्तान यात्रा और सईद से मुलाकात शुद्ध रूप से निजी और व्यक्तिगत थी।

सुषमा ने कहा कि ऐसे आरोप कि वैदिक किसी के दूत या किसी के चेले थे या भारत सरकार ने उन्हें मुलाकात की (सईद से) अनुमति दी थी, पूरी तरह से असत्य और दुर्भाज्ञपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, मैं इस बात को दोहराना चाहती हूं कि वैदिक की पाकिस्तान यात्रा या सईद से मुलाकात का भारत सरकार से कोई भी वास्ता नहीं है।

उधर, राज्यसभा में सदन के नेता तथा वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि यह एक व्यक्ति का राजनयिक दुस्साहस है। भारत सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। इस व्यक्ति (वैदिक) या इनके विचारों का न तो सरकार से और न ही पार्टी से कोई लेना देना है। उनके इस बयान के बाद नारेबाजी कर रहे कांग्रेसी सदस्य आसन के समक्ष आ गए।

जेटली ने कहा कि विपक्ष के नेता की चिंता पूरे देश की चिंता है। उन्होंने कहा कि यदि पिछले 66 सालों में कोई एक पार्टी है जिसके जम्मू कश्मीर के बारे में बेहद मजबूत विचार हैं तो वह मेरी पार्टी है। इस मसले पर राज्यसभा की कार्यवाही तीन बार तथा लोकसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित की गई।

सुबह लोकसभा में मल्लिकाजरुन खड़गे की अगुवाई में कांग्रेस सदस्यों ने यह मामला उठाया और सरकार से जवाब की मांग की।

जब अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने स्पष्ट कर दिया कि प्रश्नकाल स्थगित नहीं किया जाएगा तो कांग्रेसी सदस्य आसन के समक्ष आकर 'वैदिक को मत बचाओ, हाफिज का सच बताओ' के नारे लगाने लगे।

राज्यसभा में इस मुद्दे पर प्रश्नकाल में दो बार और शून्यकाल में एक बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जरूर सरकार में किसी न किसी ने इस मुलाकात में मदद की है।

आजाद ने कहा ‍कि यह केवल हमारे लिए चिंता का विषय नहीं है बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का मसला है... यदि वैदिक ने हाफिज से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कुछ कहा है तो हमने उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की? (भाषा)