शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
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Written By भाषा

नजमा हेपतुल्ला ने अपने बयान पर दी सफाई

नजमा हेपतुल्ला ने अपने बयान पर दी सफाई -
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नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक आयोग मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान का समर्थन किया है जिसमें कहा गया था कि सांस्कृतिक तौर पर इस देश के सभी लोग हिन्दू हैं। नजमा ने कहा है कि अगर राष्ट्रीय पहचान के लिए सबको हिन्दू कहा जाए तो इसमें कोई बुराई नहीं है। हालांकि इस मुद्दे पर विवाद होने के बाद नजमा ने अपनी सफाई पेश की है।

एक अखबार को दिए इंटरव्यू में नजमा ने कहा कि हिंदुस्तान में रहने वाले लोगों के लिए हिन्दू शब्द एक राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक है और किसी को इतिहास नहीं भूलना चाहिए। नजमा ने ये तर्क दिया कि अरब देशों में भी भारत को अल हिंद कहा जाता है। नजमा ने यह बयान आरएसएस के सर संघ चालक मोहन भागवत के 17 अगस्त को दिए उस बयान की पृष्टिभूमि में दिया था जिसमें कहा गया था कि भारत एक हिन्दू राष्ट्र है और यहां रहने वाले सभी लोग हिन्दू हैं। भागवत ने कहा था कि राष्ट्र की पहचान हिंदुत्व से है। हिंदुस्तान में रहने वाले सभी लोगों हिन्दू है।

नजमा हेपतुल्ला ने बाद में अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि दरअसल उन्होंने भारतीयों के लिए हिन्दी शब्द का इस्तेमाल किया था, हिन्दू का नहीं। नजमा के मुताबिक हिन्दी शब्द राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक है और इसमें कोई बुराई नहीं है। नजमा की दलील है कि अरब देशों में भी भारत को अल हिंद कहा जाता है। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने उनसे इंटरव्यू किया, उसने हिन्दी को हिन्दू समझ लिया होगा।

नजमा ने अल्लामा इकबाल के प्रसिद्ध गीत 'हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दुस्तान हमारा' का उदाहरण देते हुए कहा कि इकबाल ने भी कहा था कि हिन्दी हैं हम, सारा जहां हमारा।...उदाहरण देते वक्त नजमा शायद गीत की पंक्तियां भूल गई थी।

दूसरी तरफ विपक्षी कांग्रेस और एनसीपी ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, 'नजमाजी अगर भारत का संविधान पढ़ लें तो बेहतर रहेगा। भारतीय संविधान के हिसाब से हर नागरिक भारतीय है, हिन्दू नहीं।' एनसीपी नेता तारिक अनवर ने कहा, 'अगर उन्होंने ऐसा बयान दिया है तो दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं समझता हूं कि मंत्री बने रहने के लिए वो इस तरह का बयान दे रही हैं।'

मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि केंद्रीय अल्पसंख्यक आयोग मंत्रालय का गठन अल्पसंख्यकों के हितों का ख्याल रखने के लिए बनाया गया है। नजमा केंद्र सरकार में मंत्री हैं। वह अपना पक्ष साफ करें। संविधान भारत के लिए बना है ना कि हिंदुस्तान के लिए।