दिल्ली में राष्ट्रपति शासन, केन्द्र को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को चुनौती देने वाली आम आदमी पार्टी (आप) की याचिका पर केंद्र से जवाब तलब किया।उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की पीठ ने केंद्र को नोटिस जारी करते हुए आप की ओर से उठाए गए मुद्दों पर 10 दिन के भीतर जवाब देने को कहा। पीठ ने भाजपा और कांग्रेस को नोटिस जारी करने से इनकार करते हुए इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 7 मार्च निर्धारित कर दी।शीर्ष अदालत ने कहा कि वह केवल इसके संवैधानिक पहलुओं को देखना चाहती है और इसे राजनीतिक प्रतिस्पर्धा नहीं बनने देना चाहती है। आप की याचिका में कांग्रेस और भाजपा को भी पक्ष बनाया गया है।उच्चतम न्यायालय ने कहा कि यह संवैधानिक विषय है, इसलिए जिसने भी आदेश जारी किया है, उसे जवाब देना होगा। पीठ ने कहा कि हम नहीं चाहते कि यह राजनीतिक विवाद बने। न्यायालय में जब यह कहा गया कि दो पार्टियों के खिलाफ आरोप है, तब पीठ ने कहा कि जब यह आएगा, तब देखेंगे।आप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस. नरीमन ने याचिका दायर करने से संबंधित तथ्यों की व्याख्या की। शीर्ष अदालत ने 21 फरवरी को इस याचिका पर आज सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की थी जिसमें उपराज्यपाल को दिल्ली विधानसभा भंग करने और लोकसभा चुनाव के साथ फिर से चुनाव कराने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था।