Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) ,
शुक्रवार, 23 नवंबर 2007 (12:31 IST)
तमिल-तेलुगू के अनुवादकों का संकट
दो बार के विज्ञापन के बावजूद राज्यसभा में नियुक्ति के लिए तमिल और तेलुगू अनुवादक नहीं मिलने का उल्लेख करते हुए उप-सभापति के रहमान कहा कि सदस्य अनुवादकों का इंतजाम करें तो वह नियुक्ति प्रक्रिया में शिथिलता बरतने को तैयार हैं।
उच्च सदन में नंदीग्राम पर चर्चा में हिस्सा लेने जब अन्नाद्रमुक के.वी. मेत्रेयन उठे तो उन्होंने तमिल में बोलना शुरू कर दिया। यह बात आसन के संज्ञान में लाई गई कि सदन में सदस्यों के लिए तमिल अनुवादक उपलब्ध नहीं है।
अन्नाद्रमुक के अन्य सदस्यों के साथ द्रमुक और तेदेपा सदस्य भी मेत्रेयन के साथ हो गए और आरोप लगाया कि पिछले छह महीने से इस मुद्दे का समाधान नहीं हो रहा है।
इस पर हस्तक्षेप करते हुए खान ने कहा कि रिक्तियों का दो बार विज्ञापन दिया गया लेकिन कोई आवेदन नहीं आया। उन्होंने सदस्यों से अनुवादकों की व्यवस्था का अनुरोध करते हुए आश्वस्त किया कि वह इस नियुक्ति में तय प्रक्रिया को छोड़ने के लिए तैयार हैं।