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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 11 नवंबर 2011 (01:23 IST)

गिलानी को 'अमन पसंद' व्यक्ति कहने पर बवाल

यूसुफ रजा गिलानी
PTI
मालदीव में दक्षेस शिखर सम्मेलन के दौरान मनमोहन सिंह द्वारा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को ‘अमन पसंद व्यक्ति’ बताए जाने के मुद्दे पर बवाल खड़ा हो गया और इस बवाल के चलते कांग्रेस और भाजपा आमने सामने आ गई है।

सिंह द्वारा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को ‘अमन पसंद व्यक्ति’ बताए जाने पर भाजपा ने सख्त ऐतराज करते हुए कहा कि देश की जनता को यह टिप्पणी हज़म नहीं होगी, क्योंकि पड़ोसी देश भारत के खिलाफ अभी भी सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने यहां आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने अभी तक मुंबई आतंकी हमले सहित सीमा पार से की गई किसी भी आतंकी वारदात के दोषियों के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की है।

वहीं कांग्रेस ने सिन्हा की आलोचला पर कहा कि विपक्षी पार्टी की याददाश्त कमजोर है और वह राजग के कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान के संदर्भ में अपने रिकॉर्ड पर नजर डाल ले।

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा भाजपा की याददाश्त काफी कमजोर है। ऐसे बयान देने से पहले वह राजग के कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान के संदर्भ में अपने रिकार्ड पर नजर डाल ले। भाजपा को कूटनीति के ज्ञान की परख कर लेनी चाहिए।

वहीं सिन्हा ने कहा, प्रधानमंत्री ने मालदीव में दक्षेस शिखर सम्मेलन में गिलानी को ‘अमन पसंद व्यक्ति’ बता कर गलती की है। भारत और पाकिस्तान के बीच मुख्य मुद्दा सीमा पार आतंकवाद है और इस सिलसिले में पाकिस्तान ने ऐसा कुछ नहीं किया है, जिससे ऐसा आभास हो कि वह अपनी धरती से भारत के विरूद्ध चलाई जा रही आतंकी हरकतों को रोकने के लिए गंभीर है।

पाकिस्तान से अभी वार्ता बहाल करने को सही कदम नहीं बताते हुए उन्होंने कहा हम सब जानते हैं कि सईद और आईएसआई आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं और तमाम दुनिया में इसके दस्तावेज़ी सबूत हैं।

सिन्हा ने कहा कि एक ओर भारतीय सेना के प्रमुख, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री आतंकी गतिविधियों में पाकिस्तान के शामिल होने की बात कह रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ प्रधानमंत्री अपने ही लोगों की बात से बेखबर हैं। भाजपा नेता ने कहा प्रधानमंत्री को इस बात को समझना चाहिए कि कोई ‘अमन पसंद व्यक्ति’ आतंकवाद को शह नहीं देगा।

उनका (सिंह) यह बयाज भारत की जनता को नहीं पचेगा। सिन्हा ने कहा कि मालदीव में दक्षेस शिखर सम्मेलन में एक ओर सिंह गिलानी की तारीफ कर रहे हैं और उसी सम्मेलन में पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक फरमा रहे हैं कि हाफिज़ सईद और उनके नेतृत्व वाले आतंकी संगठन जमात-उद-दवा के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं।

मुंबई पर आतंकी हमला करने वाले अजमल कसाब को फांसी पर चढ़ा देने संबंधी मलिक के बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘लेकिन साथ ही वह यह भी तो कह रहे हैं कि समझौता एक्सप्रेस विस्फोट में शामिल लोगों को भी फांसी चढ़ाना चाहिए। आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान हमेशा भारत को अपनी बराबरी पर डालने का प्रयास करता है।’

उन्होंने कहा, भारत जब कश्मीर में पाकिस्तान के हस्तक्षेप की बात करता है तो पड़ोसी वह बलूचिस्तान का जिक्र करने लगता है। इसी तरह जब मुंबई आतंकी हमले का मामला उठा तो पाकिस्तान कथित हिन्दू आतंकवाद और समझौता एक्सप्रेस की बात करने लगा।

दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी की स्थिति में सुधार आने के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के बयान पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि ऐसा तभी होगा जब पाकिस्तान यह कबूल करेगा कि उसकी सरकारी संस्थाएं आतंकवाद में शामिल हैं।
(भाषा)