शुक्रवार, 29 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Y chromosome, X chromosome, reproduction
Written By
Last Updated : गुरुवार, 23 सितम्बर 2021 (13:20 IST)

लिंग निर्धारण तक ही सीमित नहीं है 'वाई क्रोमोसोम' की भूमिका

लिंग निर्धारण तक ही सीमित नहीं है 'वाई क्रोमोसोम' की भूमिका - Y chromosome, X chromosome, reproduction
नई दिल्ली, स्तनधारी जीवों, जिसमें मनुष्य भी शामिल हैं, में लिंग निर्धारण करने वाले दो गुणसूत्रों - एक्स (X) गुण सूत्र और वाई (Y) गुणसूत्र की भूमिका होती है।

पुरुषों में एक Y और एक X गुण सूत्र होता है, जबकि महिलाओं में दो X गुणसूत्र होते हैं। किसी पिता का Y गुणसूत्र बिना किसी बदलाव के उसके पुत्रों में जाता है। इसलिए, Y गुणसूत्र के अध्ययन से किसी भी पुरुष के पितृवंश समूह का पता लगाया जा सकता है।

एक नये अध्ययन में, भारतीय वैज्ञानिकों ने Y क्रोमोसोम के बारे में चौंकाने वाला खुलासा किया है, जो बताता है कि लिंग निर्धारण के अलावा कुछ अन्य प्रक्रियाओं में भी Y क्रोमोसोम की भूमिका हो सकती है।

इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि वाई गुणसूत्र पुरुष प्रजनन में शामिल अन्य गुणसूत्रों पर जीन को नियंत्रित करता है। यह अध्ययन, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की हैदराबाद स्थित घटक प्रयोगशाला सीएसआईआर-कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केन्द्र (सीसीएमबी) के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया है।

गुणसूत्र या क्रोमोसोम (Chromosome) सभी वनस्पतियों व जीवों की कोशिकाओं में पाये जाने वाले तंतु रूपी पिंड होते हैं, जो आनुवांशिक गुणों को निर्धारित व संचारित करने के लिए जाने जाते हैं। Y गुणसूत्र को पुरुष निर्धारण गुणसूत्र के रूप में जाना जाता है।

यह अपने साथी X की तुलना में एक छोटा गुणसूत्र है। सीएसआईआर-कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केन्द्र (सीसीएमबी) द्वारा इस अध्ययन से संबंधित जारी बयान में बताया गया है कि पहले यह ज्ञात नहीं था कि लिंग निर्धारण के अलावा इसका कोई अन्य कार्य भी होता है।

Y गुणसूत्र पर डीएनए अनुक्रम कई प्रतियों में मौजूद होते हैं और उनमें से बहुत कम प्रोटीन के लिए कोडिंग का काम करते हैं। अब तक यह समझा जाता था कि वे Y गुणसूत्रों पर कुछ प्रोटीन कोडिंग जीन्स के लिए पैकिंग सामग्री के रूप में कार्य करते हैं। कोई स्पष्ट कार्य नहीं होने के कारण, Y गुणसूत्र के डीएनए के अधिकांश भाग को व्यर्थ माना जाता था।

सीएसआईआर-कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केन्द्र (सीसीएमबी) के वैज्ञानिक प्रोफेसर राशेल जेसुदासन के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन में Y गुणसूत्र डीएनए के आश्चर्यजनक अभिनव नियामक कार्यों के बारे खुलासा किया गया है।

चूहों के Y क्रोमोसम पर किए गए इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि डीएनए के एक गुच्छे का चूहे के वाई गुणसूत्र पर दोहराव होता है, जो वृषण या शुक्र-गन्थि में, विशेष रूप से प्रजनन के लिए आवश्यक अन्य गुणसूत्रों से व्यक्त जीन को नियंत्रित करता है। उन्होंने यह भी दिखाया है कि ये दोहराव प्रजाति-विशिष्ट हैं, यानी वे अन्य प्रजातियों में मौजूद नहीं हैं। शोधकर्ताओं का कहना यह भी है कि ये दोहराव छोटे आरएनए (RNA) के एक वर्ग को जन्म देते हैं, जिन्हें पीआईआरएनए (piRNA) कहा जाता है।

प्रोफेसर जेसुदासन कहते हैं – “मानव Y गुणसूत्र पर हमारे पहले के अध्ययनों में देखा गया है कि Y गुणसूत्र पर लिंग और प्रजाति-विशिष्ट दोहराव प्रजनन के लिए महत्वपूर्ण गुणसूत्र संख्या-1 से संचरित प्रोटीन-कोडिंग RNA को नियंत्रित करता है। इस अध्ययन में, Y गुणसूत्र और अन्य गुणसूत्रों के बीच परस्पर क्रिया की यह पहली रिपोर्ट है। इस प्रकार, दो अध्ययनों को समेकित करते हुए, हम Y गुणसूत्र द्वारा प्रजनन से जुड़े जीनों का अधिक व्यापक विनियमन देख सकते हैं।"

वे कहते हैं - "जैसे-जैसे प्रजातियां विकसित होती हैं, ये दोहराव भी साथ-साथ विकसित होते रहते हैं, और धीरे-धीरे प्रजातियों के प्रजनन को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं रहते हैं। इस प्रकार, ऐसा प्रतीत होता है कि ये दोहराव प्रजातियों की पहचान और विकास-क्रम का आधार हैं।”

प्रोफेसर जेसुदासन वर्तमान में आनुवंशिकी विभाग, उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद में सलाहकार (अनुसंधान) और इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर जीनोमिक्स ऐंड जीन टेक्नोलॉजी, कार्यवत्तम कैंपस, केरल विश्वविद्यालय, त्रिवेंद्रम में एक एमेरिटस वैज्ञानिक (केएससीएसटीई) के रूप में कार्यरत हैं। उनके नेतृत्व में किया गया यह अध्ययन शोध पत्रिका बीएमसी बायोलॉजी में प्रकाशित किया गया है। (इंडिया साइंस वायर)
ये भी पढ़ें
भीकाजी कामा - प्रसिद्ध क्रांतिकारी नेता के बारे में 10 तथ्य