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Last Updated : बुधवार, 26 अप्रैल 2023 (19:09 IST)

हमारे 'मन की बात' भी सुन लीजिए मोदी जी, PM से क्या चाहते हैं पहलवान?

Protest
नई दिल्ली। प्रदर्शनकारी पहलवानों ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि आप हमारे मन की बात क्यों नहीं सुन रहे हैं? और उनकी पार्टी के सांसद तथा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर चर्चा के लिए उनसे समय मांगा।
 
देश के शीर्ष पहलवानों ने गंभीर आरोपों की जांच के लिए निगरानी समिति के गठन के बाद अपना धरना समाप्त करने के तीन महीने बाद रविवार को कुश्ती महासंघ के प्रमुख के खिलाफ अपना विरोध फिर से शुरू कर दिया। खेल मंत्रालय ने 6 सदस्यीय निगरानी पैनल के निष्कर्षों को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है, जिसने 5 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी।
 
पहलवानों ने बुधवार को कहा कि था कि वे हैरान हैं कि जब वे पदक जीतते हैं तो प्रधानमंत्री मोदी उनका सम्मान करते हैं और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं, लेकिन अब जब वे न्याय मांग रहे हैं तो उन्होंने उनकी दुर्दशा पर आंखें मूंद ली हैं।
 
रियो ओलंपिक खेलों की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने मीडिया से कहा- ‘प्रधानमंत्री मोदी जी ‘बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ’ के बारे में बात करते हैं और सबके ‘मन की बात’ सुनते हैं। क्या वे हमारे ‘मन की बात’ नहीं सुन सकते? जब हम पदक जीतते हैं तो वह हमें अपने घर आमंत्रित करते हैं और हमें बहुत सम्मान देते हैं और हमें अपनी बेटियां कहते हैं। आज हम उनसे अपील करते हैं कि वह हमारे ‘मन की बात’ सुनें।’
 
गौरतलब है कि साक्षी ने प्रधानमंत्री के लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के साथ तुलना की जिसके 100 कार्यक्रम पूरे हो रहे हैं और इस उपलब्धि को चिह्नित करने के लिए सरकार द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
 
साक्षी ने कहा कि मैं स्मृति ईरानी (केंद्रीय मंत्री) से पूछना चाहती हूं कि वह अब चुप क्यों हैं? चार दिन हो गए हैं, हम सड़क पर सो रहे हैं, मच्छरों के काटने को सह रहे हैं। हमें (दिल्ली पुलिस द्वारा) भोजन बनाने और ट्रेनिंग करने की अनुमति नहीं दी जा रही है, आप चुप क्यों हैं? मैं सिर्फ इतना कहना चाहती हूं कि आप यहां आओ, हमारी बात सुनो और हमारा समर्थन करो।
 
साक्षी को लगता है कि शायद उनकी बात प्रधानमंत्री तक नहीं पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि शायद हमारी सच्चाई उन तक नहीं पहुंच रही है इसलिए हम उनसे मिलना चाहते हैं और उन्हें हमारे मुद्दों से अवगत कराना चाहते हैं।
 
विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट ने कहा कि हमारे पास (संबंधित लोगों के टेलीफोन) नंबर तक नहीं हैं जिससे कि हम उन तक पहुंच सकें। इसलिए हम मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी से मुद्दों को उठाने की अपील कर रहे हैं। शायद तब वह हमारी पुकार सुनें। हमारी आत्मा लगभग मर चुकी है, शायद वह देख लें।
 
विनेश ने यह भी कहा कि वे शाम को ‘कैंडल मार्च’ (मोमबत्ती जलाकर यात्रा) निकालेंगे। उन्होंने कहा कि शायद अधिकारियों को नहीं दिख रहा है, इसलिए हम कुछ रोशनी देने के लिए कैंडल मार्च निकालेंगे। शायद वे देख सकें कि भारत की बेटियां जो सिर्फ पहलवान नहीं हैं, बल्कि कई महिलाओं की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं, सड़कों पर हैं।
 
टोक्यो खेलों के कांस्य पदक विजेता बजरंग ने भी प्रधानमंत्री से गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि ये भारत की बेटियां आपसे अपील कर रही हैं, कृपया इनके साथ न्याय करें।
 
बजरंग ने कहा कि अभ्यास के लिए हम कुश्ती मैट लाए थे, लेकिन हमें अनुमति नहीं दी गई, यहां तक कि हम यहां अपना खाना भी नहीं बना सकते क्योंकि अनुमति नहीं है। अब क्या हमें सांस लेने के लिए भी अनुमति लेनी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि डब्ल्यूएफआई प्रमुख के लोगों द्वारा उन्हें डराने की कोशिश की जा रही है।
 
बजरंग ने कहा कि कुछ लोग हमें हतोत्साहित करने की कोशिश कर रहे हैं और कहानियां सुनाकर हमें डरा रहे हैं कि कैसे बृजभूषण ने एक विरोधी को मार डाला, लेकिन मैं आपको बता दूं कि हम डरने वाले नहीं हैं। विनेश ने सभी खिलाड़ियों से अपील की कि वे उनके साथ एकजुट रहें।
 
उन्होंने कहा कि क्या हम लालच, भय और स्वार्थ को पीछे नहीं रख सकते? मैं देश के सभी खिलाड़ियों, ओलंपिक पदक विजेताओं, राष्ट्रीय पदक विजेताओं और विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेताओं से एक साथ आने और एकजुट रहने की अपील करती हूं। विनेश ने कहा कि अगर हम एकजुट होते हैं तो कोई कारण नहीं है कि हम एक दिन ओलंपिक में नंबर एक देश नहीं बन सकते। (भाषा)