क्या जंक फूड पर लगेगा अतिरिक्त कर, भाजपा सांसद ने की मांग, शून्यकाल में उठा मामला
Junk Food tax: राज्यसभा (Rajya Sabha) के सदस्य सुजीत कुमार ने 'जंक फूड' के उपयोग में बेतहाशा वृद्धि का दावा करते हुए शुक्रवार को सरकार से संबंधित नियमों को और सख्त बनाने तथा लोगों को ऐसे खाद्य पदार्थों के प्रति हतोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त कर लगाने का आग्रह किया।
खपत में वृद्धि से गैर-संचारी रोगों में वृद्धि : शून्यकाल के दौरान उच्च सदन में यह मुद्दा उठाते हुए ओडिशा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य ने कहा कि 'जंक फूड' की खपत में वृद्धि को भारत में गैर-संचारी रोगों में वृद्धि से भी जोड़ा जा सकता है। 'जंक फूड' प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ है जिसमें पोषक तत्व न के बराबर होते हैं, अक्सर इनमें नमक, चीनी और वसा की मात्रा अधिक होती है। विभिन्न शोधों में यह सामने आया है कि इनके उपयोग से वजन बढ़ता है, हृदय पर दबाव पड़ता है और हृदय रोग और मधुमेह जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
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कुमार ने कहा कि जंक फूड की खपत में खतरनाक वृद्धि हुई है। इनमें नमक, चीनी, अस्वास्थ्यकर वसा उच्च मात्रा में होते हैं और ये न्यूनतम पोषण प्रदान करते हैं। उन्होंने 2023 की डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 2006 और 2019 के बीच पैक्ड जंक फूड की खपत में 40 गुना वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि बच्चों को इसकी लत लग रही है क्योंकि विज्ञापन उन्हें निशाना बनाते हैं। हमारी जनसंख्या का लगभग 41 प्रतिशत बच्चे हैं। अगर हमारे बच्चे अस्वस्थ नागरिकों के रूप में बढ़ते हैं तो जनसांख्यिकीय लाभांश खतरनाक हो सकता है।
भाजपा सदस्य ने यह भी कहा कि ब्रांड पश्चिमी देशों में बेहतर सामग्री के साथ बेहतर गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पाद बेचते हैं, लेकिन भारत में सस्ते संस्करण बेचते हैं। उन्होंने कहा कि वे हमारी नियामकीय खामियों का फायदा उठाते हुए भारतीय नागरिकों के स्वास्थ्य के ऊपर लाभ को प्राथमिकता देते हैं। सरकार को नियमों को मजबूत करने के उपाय करने चाहिए।
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कुमार ने एफएसएसएआई विनियमन का सख्त बनाने आह्वान किया और सरकार से जंक फूड पर स्वास्थ्य कर लगाने पर विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने पैक्ड फूड पर बड़े अक्षरों में सामग्री का उल्लेख करने पर भी जोर दिया ताकि लोगों को उन्हें पढ़ने में आसानी हो।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta