• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Why rajnath singh not signed SCO document
Last Updated : गुरुवार, 26 जून 2025 (13:03 IST)

राजनाथ ने क्यों नहीं किए SCO के बयान पर हस्ताक्षर, जानिए वजह

भारत और चीन के अलावा एससीओ में पाकिस्तान, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल

rajnath singh
Rajnath in SCO Summit : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर भारत की चिंताओं को स्पष्ट रूप से संबोधित नहीं करने के लिए एससीओ के बयान पर हस्ताक्षर नहीं करने का निर्णय लिया। उन्होंने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि आतंकवाद के दोषियों, वित्तपोषकों व प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और इससे निपटने में दोहरा मापदंड नहीं अपनाया जाना चाहिए।
 
बताया जा रहा है कि कि एससीओ आम सहमति के तहत काम करता है, लिहाजा दस्तावेज का समर्थन करने से सिंह के इनकार के परिणामस्वरूप एससीओ रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन संयुक्त वक्तव्य जारी किए बिना ही समाप्त हो गया।
 
सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आतंकवाद से निपटने के मामले में दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए एससीओ सदस्य देशों को एकजुटता के साथ इस खतरे की निंदा करनी चाहिए। भारत और चीन के अलावा एससीओ में पाकिस्तान, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। ALSO READ: पहलगाम हमले पर बोले राजनाथ, निर्दोष लोगों का खून बहाने वालों को नहीं छोड़ेंगे
 
पाकिस्तान का परोक्ष उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि कुछ देश आतंकवादियों को पनाह देने के लिए सीमापार आतंकवाद को नीतिगत साधन के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने आतंकवाद से बचाव और सीमा पार से होने वाले हमलों को रोकने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया।
 
उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के दौरान, पीड़ितों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर गोली मार दी गई थी। संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट ने हमले की जिम्मेदारी ली।
 
उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले का तरीका भारत में लश्कर-ए-तैयबा के पिछले आतंकवादी हमलों के जैसा था। भारत की आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति उसके कार्यों से प्रदर्शित होती है।
 
उन्होंने कहा कि इस नीति में आतंकवाद से खुद का बचाव करने का हमारा अधिकार भी शामिल है। हमने दिखा दिया है कि आतंकवाद के केंद्र अब सुरक्षित नहीं हैं और हम उन्हें निशाना बनाने में संकोच नहीं करेंगे।
 
सिंह ने कहा कि एससीओ सदस्यों को आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा करनी चाहिए। उन्होंने इस खतरे से सभी रूपों में लड़ने के भारत के संकल्प की पुष्टि की। रक्षा मंत्री ने युवाओं में कट्टरपंथ को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने का भी आह्वान किया।
 
उन्होंने कहा कि दुनिया कई चुनौतियों का सामना कर रही है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और साइबर हमलों से लेकर हाइब्रिड युद्ध तक शामिल हैं। ये खतरे सभी देशों के सामने हैं और इनसे निपटने के लिए पारदर्शिता, आपसी विश्वास और सहयोग पर आधारित एकीकृत प्रयासों की जरूरत है।
edited by : Nrapendra Gupta 
ये भी पढ़ें
बिहार से दिल्ली जा रही बस खाई में गिरी, 2 यात्रियों की मौत और 50 घायल