silver vs gold returns : पिछले एक साल में सोने और चांदी दोनों ने ही निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। सोने में 40% से ज़्यादा की बढ़त देखी गई है, वहीं चांदी ने भी लगभग 34% का उछाल मारा है। ऐसे में यह सवाल लाज़मी है कि क्या यह चमक आगे भी बरकरार रहेगी और इन दोनों में से कौन सा धातु बेहतर रिटर्न दे सकता है? आइये आज के इस आलेख में हम उन सभी बिन्दुओं को समझते हैं जिससे आपको भविष्य में अपने निवेश को प्लान करने में मदद मिलेगी:
चांदी में तेज़ी के कारण
चांदी में हालिया तेज़ी के पीछे एक अहम कारण यह है कि लगातार पांचवें साल चांदी की मांग उसकी सप्लाई से ज़्यादा है। औद्योगिक उपयोग में चांदी की बढ़ती भूमिका, खासकर सौर ऊर्जा पैनल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में, इसकी मांग को लगातार बढ़ा रही है। इसके अलावा, निवेश के रूप में भी चांदी की ओर निवेशकों का रुझान बढ़ा है, क्योंकि यह सोने के मुकाबले थोड़ी सस्ती है और इसमें भी सुरक्षा का भाव है।
सोने में तेज़ी क्यों है?
सोने को हमेशा से सुरक्षित निवेश (Safe Haven Investment) माना जाता रहा है। आर्थिक अनिश्चितता, भू-राजनीतिक तनाव और मुद्रास्फीति (Inflation) के बढ़ते जोखिम के दौरान निवेशक सोने का रुख करते हैं। पिछले कुछ समय से वैश्विक स्तर पर जो अस्थिरता का माहौल रहा है, उसने सोने की कीमतों को ऊपर धकेलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीददारी के कारण भी कीमतों में उछाल आया है। आजकल, सेंट्रल बैंक (देश के बैंक) भी सोना ज्यादा खरीद रहे हैं। वे हर साल 1,000 टन से ज्यादा सोना खरीद रहे हैं, जो पहले कभी नहीं हुआ।
सोना-चांदी का अनुपात (Gold-Silver Ratio)
सोना-चांदी अनुपात सोने की कीमत को चांदी की कीमत से विभाजित करके निकाला जाता है। यह अनुपात निवेशकों को यह समझने में मदद करता है कि सोना चांदी के मुकाबले कितना महंगा या सस्ता है। ऐतिहासिक रूप से, जब यह अनुपात बहुत ज़्यादा होता है, तो यह दर्शाता है कि चांदी, सोने के मुकाबले सस्ती है और उसमें निवेश का बेहतर अवसर हो सकता है। वहीं, जब यह अनुपात कम होता है, तो सोना ज़्यादा आकर्षक हो सकता है। अगर 1980 के दशक के आखिर को देखें तो सोने-चांदी का अनुपात वर्तमान में काफी बढ़ गया है। उस समय यह अनुपात औसतन 70:1 होता था। आज यह अनुपात लगभग 91:1 है। आज सोना लगभग 3,030 डॉलर पर है और चांदी लगभग 33 डॉलर पर कारोबार कर रही है। इसका मतलब है कि चांदी अभी भी कम मूल्य पर है और अभी इसमें बढ़ने की गुंजाइश है। या तो चांदी की कीमत तेजी से बढ़ेगी या सोने की कीमत गिरेगी या स्थिर रहेगी, ताकि यह अनुपात 70:1 के अपने लंबे समय के औसत के करीब आ जाए।
कौन है बेहतर विकल्प, कैसे करें निवेश का चयन ?
यह तय करना कि सोना या चांदी में से किसमें निवेश करें, आपकी जोखिम सहनशीलता (Risk Tolerance), निवेश के लक्ष्य (Investment Goals) और समय सीमा (Time Horizon) पर निर्भर करता है।
• सोना: यदि आप सुरक्षित और स्थिर निवेश की तलाश में हैं, जो मुद्रास्फीति से बचाव (Inflation Hedge) प्रदान करे, तो सोना एक बेहतर विकल्प हो सकता है। यह लंबी अवधि के लिए पोर्टफोलियो में स्थिरता लाता है।
• चांदी: यदि आप थोड़ी ज़्यादा जोखिम लेने को तैयार हैं और तेज़ रिटर्न की संभावना देख रहे हैं, तो चांदी में निवेश का विचार किया जा सकता है। इसकी औद्योगिक मांग और सोने के मुकाबले कम कीमत इसे आकर्षक बनाती है।
कुल मिलाकर, सोना और चांदी दोनों ही 5, 10 और 15 सालों के लिए आपके निवेश का हिस्सा हो सकते हैं। एक संतुलित पोर्टफोलियो (Balanced Portfolio) बनाने के लिए दोनों धातुओं में निवेश करना एक अच्छा विचार हो सकता है। इससे आप दोनों की खूबियों का फायदा उठा पाएंगे और अपने निवेश को सुरक्षित भी रख पाएंगे। किसी भी निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार (Financial Advisor) से सलाह लेना हमेशा उचित रहता है।
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