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Last Updated : रविवार, 17 अप्रैल 2022 (17:53 IST)

Jahangirpuri Violence: कौन है जहांगीरपुरी हिंसा में गिरफ्तार मोहम्मद अंसार, पहले भी हो चुका है गिरफ्तार

mohammad ansar
उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के मामले में अब तक 14 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस हिंसा के नामजद आरोपी और मास्टरमाइंड बताए जा रहे अंसार (Ansar) को भी पुलिस ने धर-दबोचा है।

इस दौरान फायरिंग करने वाला असलम भी दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। इस घटना में 8 पुलिस कर्मियों समेत कुल 9 लोग घायल हो गए।

35 वर्षीय मोहम्मद अंसार पुत्र अलाउद्दीन जहांगीरपुरी के बी ब्लॉक का रहने वाला है। इससे पहले भी हमले के दो मामलों में उसकी संलिप्तता का पता चला है, जिनमें उसकी गिरफ्तारी हुई थी। इसके साथ ही आर्म्स एक्ट और जुआ अधिनियम के तहत 5 बार मामला दर्ज किया गया था।

मोहम्मद अंसार का जन्म जहांगीरपुरी की झुग्गी बस्ती में ही हुआ था। इसके पिता का नाम मोहम्मद अलाउद्दीन है। अंसार सिर्फ चौथी कक्षा तक पढ़ा है और पेशे से कबाड़ी है। इसकी पत्नी का नाम सकीना है और बेटे का नाम सोहेल है। अंसार के भाई का नाम अल्फा है। इसका जीजा मेवात के नूंह में रहता है।

दिल्ली पुलिस ने 20 फरवरी 2009 को इसका डोजियर तैयार किया था। इसे पहली बार चाकू के साथ गिरफ्तार किया था। डोजियर के मुताबिक, इसके खिलाफ 2 मामले दर्ज हैं, पहले मामले में इसे चाकू के साथ गिरफ्तार किया गया था और इसके खिलाफ आर्म्स एक्ट की धारा लगाई गई थी। वहीं, दूसरा मामला जुलाई 2018 का है। उस वक्त इस पर सरकारी कर्मचारी पर हमला करने और सरकारी काम में बाधा डालने की धारा लगाई गई थी।
जहांगीरपुरी हिंसा के संबंध में जहांगीरपुरी थाने में तैनात इंस्पेक्टर राजीव रंजन के बयान के अनुसार, एफआईआर में कहा गया है कि शोभायात्रा शांतिपूर्ण तरीके से चल रही थी, शाम 6 बजे जब यह शोभायात्रा सी-ब्लॉक जामा मस्जिद के पास पहुंची तो अंसार नाम का एक शख्स अपने 4-5 अन्य लोगों के साथ वहां पहुंचा और शोभायात्रा में शामिल लोगों से बहस करने लगा। बहस ज्यादा बढ़ने के कारण दोनों पक्षों में पथराव शुरू हो गया।

इसके चलते शोभायात्रा में भगदड़ मच गई। पुलिस ने पथराव को रोकने और शांति बनाए रखने की अपील करते हुए दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर अलग कर दिया, लेकिन कुछ ही मिनटों के बाद दोनों पक्षों की ओर से अचानक फिर से नारेबाजी और पथराव शुरू हो गया।

इसके बाद कंट्रोल रूम को सूचना देकर और पुलिस बल मौके पर बुलाया गया। हालात को संभालने के लिए सीनियर अधिकारियों द्वारा लोगों से शांति कायम करने की बार-बार अपील की गई, लेकिन एक पक्ष द्वारा लगातार पत्थरबाजी की जा रही थी। हालात को काबू करने के लिए पुलिस की ओर से 40-50 आंसू गैस के गोले दागे गए और भीड़ को तितर-बितर कर स्थिति को नियंत्रित किया गया।