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Written By Author अवनीश कुमार
Last Updated : गुरुवार, 24 जून 2021 (15:55 IST)

स्कूल की आड़ में चल रहा था धर्म परिवर्तन का खेल, उमर के रैकेट में 100 से ज्यादा लोग

स्कूल की आड़ में चल रहा था धर्म परिवर्तन का खेल, उमर के रैकेट में 100 से ज्यादा लोग - UP ADG on muhammad umar gautam
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नोएडा से अवैध धर्म परिवर्तन कराने के मामले में गिरफ्तार किए गए मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी से एटीएस के द्वारा लगातार हो रही पूछताछ में एक से बढ़कर एक खुलासे हो रहे हैं। ऐसा ही एक खुलासा मोहम्मद उमर गौतम को लेकर हुआ है।
 
सूत्रों की मानें तो पता चला है कि मोहम्मद उमर गौतम लखनऊ से संचालित हो रही एक और संस्था का पदाधिकारी है। वह लखनऊ की अल हरम एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन का उपाध्यक्ष है। जानकारी यह भी मिली है कि अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन के अंतर्गत वह लखनऊ में मलिहाबाद के रहमानखेड़ा में एक स्कूल भी चल रहा था, जिसमें 500 से भी अधिक बच्चों को शिक्षा देने का दावा कर रहा है।
 
सूत्रों के मुताबिक एटीएस को पूरा संदेह है कि स्कूल की आड़ में यह लोगों को भ्रमित करके धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करता था और फिर उन्हें तरह-तरह के लालच भी देता था। सूत्रों की मानें तो आरोपियों को बाहर से बड़ी मात्रा में फंडिंग भी की जा रही थी। फंडिंग का इस्तेमाल लोगों को गुमराह कर धर्म परिवर्तन के लिए किया जाता था। 
 
एटीएस सूत्रों की मानें तो इस रैकेट में 100 से ज्यादा लोग शामिल हो सकते हैं। जो इस समय भी अपने कार्य को अंजाम देने में जुटे हुए हैं। अब तक नोएडा के एक मूक-बधिर स्कूल के 18 बच्चों का भी धर्मांतरण कराया गया और ये रैकेट 1000 से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन करा चुका है।
 
इस पूरे मामले को लेकर उत्तर प्रदेश के एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बातचीत करते हुए बताया कि जो जानकारी मिली है उसके अनुसार ये पूरा रैकेट पिछले दो साल से चल रहा था। जांच में बात सामने आ रही है इसके हिसाब से पूरे मामले में बाहर से फंडिंग होने की भी सबूत मिल रहे हैं। रैकेट के सदस्य लोगों को लालच देकर और ज़रूरत पड़ने पर डरा-धमकाकर भी धर्मांतरण कराते थे।
 
पकड़े में आए दोनों आरोपी मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी दिल्ली के रहने वाले हैं। इनके ऊपर सिर्फ यूपी ही नहीं, बल्कि पूरे देश में धर्मांतरण कराने का आरोप है। इस मामले में एटीएस ने उत्तर प्रदेश के गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें जामिया नगर स्थित आईडीसी इस्लामिक दावा सेंटर के चेयरमैन का नाम भी दर्ज है।
 
उन्होंने बताया कि दोनों आरोपियों से चार दिन से पूछताछ में एक बड़ा खुलासा हुआ है जिसमें आरोपी मोहम्मद उमर गौतम भी हिंदू से मुस्लिम में कन्वर्ट हुआ था। ये लोग आमतौर पर कमजोर वर्गों, बच्चों, महिलाओं और मूक बधिरों को अपना टारगेट कर उनका धर्म परिवर्तन कराते थे। यह भी पता चला है कि आरोपी समय-समय पर धार्मिक सम्मेलन आयोजित कर सामूहिक धर्म परिवर्तन भी कराया करते थे।
 
इस रैकेट के लोग धर्मांतरण करने वाले की शादी भी मुस्लिमों से कराते थे। आरोपी मोहम्मद उमर और उसके साथी सुनियोजित ढंग से गैर-मुस्लिमों में उनके धर्म के प्रति नफरत पैदा करते थे और फिर इस्लाम के फायदे बताकर धर्म परिवर्तन कराते थे।