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Last Updated : रविवार, 7 मार्च 2021 (12:24 IST)

असम में भाजपा तो तमिलनाडु में द्रमुक मजबूत, बंगाल में होगा नजदीकी मुकाबला...

असम में भाजपा तो तमिलनाडु में द्रमुक मजबूत, बंगाल में होगा नजदीकी मुकाबला... - tough fight between BJP and TMC in West Bengal election
नई दिल्ली। असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों के लिए सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। किसान आंदोलन और पश्चिम बंगाल में भाजपा के उभार की पृष्ठभूमि में ये चुनाव खासे अहम हैं।

समाचार एजेंसी भाषा को दिए एक साक्षात्कार में ‘सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज’ के निदेशक संजय कुमार ने कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव बहुत दिलचस्प और कांटे का है। ऐसे में स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है कि कौन जीतेगा। लेकिन फिलहाल तृणमूल कांग्रेस को बढ़त दिख रही है।

एक सवाल के जवाब में संजय ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि पश्चिम बंगाल में भाजपा का जनाधार बढ़ा है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि भाजपा लोकसभा में मिले 40 फीसदी वोटों से अधिक वोट इस बार हासिल कर पाएगी। लोकसभा चुनाव के मुकाबले तृणमूल कांग्रेस के वोटों में गिरावट होने के आसार बहुत कम हैं।

अमूमन यह देखा गया है कि लोकसभा चुनाव के मुकाबले विधानसभा चुनावों में भाजपा के वोट में 15-20 फीसदी की गिरावट हुई है, हालांकि पश्चिम बंगाल में ऐसा नहीं लगता कि उसके वोट में इस तरह की कोई गिरावट होगी। लेकिन अगर भाजपा लोकसभा की तरह प्रदर्शन करती भी है तो भी उसका जीत पाना मुश्किल है। वहां चुनाव पूरी तरह से ममता बनर्जी पर केंद्रित है जो तृणमूल के लिए फायदेमंद भी हो सकता है।

असम में भाजपा की स्थिति मजबूत दिखाई देती है क्योंकि कांग्रेस पिछले विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव की हार के बाद वहां उबर नहीं सकी है। तमिलनाडु में सत्ता परिवर्तन का संकेत मिलता है। वहां द्रमुक अच्छी स्थिति में दिखाई दे रही है। पुडुचेरी में अन्नाद्रमुक और भाजपा के गठबंधन को बढ़त दिख रही है।

केरल में पिछले चार दशक में कोई भी सरकार सत्ता में वापसी नहीं कर पाई। इस हिसाब से विपक्षी यूडीएफ को सत्ता में आना चाहिए, लेकिन कुछ महीने पहले हुए स्थानीय निकाय के चुनाव में सत्तारूढ़ एलडीएफ ने जीत हासिल की। दूसरी तरफ, भाजपा का जनाधार भी बढ़ेगा जिससे यूडीएफ को ज्यादा नुकसान होगा। ऐसे में केरल में अभी तस्वीर साफ नहीं है।
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