कश्मीर में छ: साल, 1142 आतंकवादी घटनाएं...
श्रीनगर। आतंकियों ने कश्मीर में नेशनल हाईवे पर सेना के काफिले पर एक और आत्मघाती हमला किया है। हमले में सेना के दो जवान शहीद हो गए तथा पांच अन्य गंभीर रूप से जख्मी हो गए। घायलों की दशा नाजुक बताई जा रही है। एक जानकारी के मुताबिक 2012 से 2016 के दौरान जम्मू कश्मीर में 1142 आतंकी घटनाएं हुईं।
आतंकियों ने अनंतनाग जिले में शनिवार को सेना के काफिले पर हमला किया। काफिले पर फायरिंग जिले के काजीगुंड इलाके में हुई। इसमें 2 जवान शहीद और 5 जख्मी हो गए। सेनाधिकारियों के मुताबिक, सेना के काफिले पर फायरिंग काजीकुंड इलाके की लोअर मुंडा पोस्ट पर हुई। ये श्रीनगर से 100 किमी दूर है। हमले की जिम्मेदारी हिज्बुल मुजाहिदीन ने ली है।
हमले में 7 जवान जख्मी हो गए। उन्हें तुरंत सेना के 92 बेस हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान 2 जवानों की मौत हो गई जबकि अन्य 5 की दशा नाजुक है। हमलावर आतंकियों की तलाश जारी है। गुरुवार को ही बारामुला के सोपोर में हुई मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए। ये आतंकी एक घर में छिपे हुए थे। सोपोर के नाटीपोरा इलाके में तड़के 3.30 से सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था।
आज का हमला उस दौरान हुआ जब सेना का ये काफिला जम्मू से श्रीनगर की ओर जा रहा था, तभी जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर काजीगुंड के पास आतंकियों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी करनी शुरू कर दी। हमले में 2 जवान शहीद जबकि 5 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायल जवानों को सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, सेना ने पूरे इलाके को घेर लिया है और आतंकियों की धरपकड़ के लिए तलाशी अभियान चला रही है। मृतकों की पहचान 147 लाइट एडी रोजिमेंट के मनिवनांग तथा 54वीं फील्ड रेजिमेंट के नायक दीपक मेथी के रूप में की गई है। घायलों की पहचान नायब सूबेदार श्रीनिवास मुरली, नायब सूबेदार शिवकुमार, वेदप्रकाश तथा सिपाही सुभाष चंद के रूप में की गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सेना के काफिले पर हमला किया था। पुलवामा के त्राल के साईमूह गांव में आतंकी आतंकियों ने घात लगाकर सेना के काफिले पर हमला किया था। आतंकियों ने हमला उस वक्त किया जब सेना की एक टुकड़ी पेट्रोलिंग के लिए निकली थी।
हमले से पहले खुफिया एजेंसियों ने खबर दी थी कि आंतकी संगठन लश्करे तैयबा जम्मू-कश्मीर और पंजाब में किसी बड़े आतंकी हमले की फिराक में है। खुफिया सूत्रों ने बताया था कि उसे पुख्ता जानकारी मिली है कि लश्कर आतंकी श्रीनगर, जम्मू और सांबा के अलावा पंजाब में गुरदासपुर और दीनानगर जैसे इलाकों को निशाना बना सकती है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि इस हमले में लश्कर का ही हाथ है।
गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2012 से 2016 के दौरान जम्मू कश्मीर में 1,142 आतंकी घटनाएं हुईं। इसमें 236 जवान शहीद हुए और 90 नागरिक भी मारे गए। जबकि 2012-16 के दौरान ही सुरक्षाबलों ने 507 आतंकियों को मार गिराया। मंत्रालय के मुताबिक, वर्ष 2012 में जम्मू कश्मीर में 220 और 2016 में 322 आतंकी घटनाएं हुईं। 2016 में 82 जवान शहीद हुए और 15 नागरिक मारे गए। वर्ष 2015 में 208 आतंकी घटनाएं हुईं। 39 जवान शहीद हो गए और 17 नागरिक मारे गए। इस साल मुठभेड़ों में सुरक्षाबलों ने 108 आतंकियों को मार गिराया।
वर्ष 2013 में 170 आतंकी हमले हुए, जिसमें 53 जवान शहीद हो गए और 15 नागरिकों की मौत हो गई। सुरक्षाबलों ने 67 आतंकियों को ढेर कर दिया। इसी तरह वर्ष 2014 में आतंकी घटनाओं में 47 जवान शहीद हुए, 28 नागरिक मारे गए। सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ों में 110 आतंकी मारे गए। जबकि 2012 में 220 आतंकी हमलों में 15 जवान शहीद हुए। मुठभेड़ों में सुरक्षाबलों ने 72 आतंकियों को मार गिराया।