चौंकाने वाली रिपोर्ट! भारत पर आतंकी हमला हुआ तो पाकिस्तान पर हो सकता है परमाणु हमला...
पिछले दिनों कश्मीर में जिस तरह से भारतीय सेना ने ऑपरेशन 'क्लीन स्वीप' चलाया है उससे साफ जाहिर होता है कि इस बार केंद्र सरकार और सेना ने आतंकवादियों से पूरी तरह निपटने के तैयारी कर ली है। यही नहीं सेना ने पाकिस्तान समर्थित आतंकियों से निपटने के तौर-तरीके भी बदल दिए हैं और अधिक आक्रामक हो गई है। अब सेना ईंट का जवाब पत्थर से देने की मुद्रा में आ गई है।
जिस तरह से पाकिस्तान से होने वाली गोलाबारी (जिसकी आड़ में आतंकी सीमा पार कर घुसपैठ करते हैं) पर भारतीय सेना करारा जवाब दे रही है, साफ बताता है कि इस बार पाकिस्तान के किसी भी दुस्साहस का जवाब कई गुना अधिक होगा। पश्चिमी देशों को अब डर है कि कहीं आतंकियों की मदद के चलते भारत पाकिस्तान पर हमला न कर दे।
अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऐसा हुआ तो भारत इस बार परमाणू युद्ध से भी गुरेज नहीं करेगा। इसी तरह अमेरिकी थिंक टैंक ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कहा है कि उन्हें पाकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र घोषित करने का विकल्प खुला रखना चाहिए।
व्हाइट हाउस को सौंपी गई रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अगर पाकिस्तान की ओर से भारत पर कोई आतंकवादी हमला होता है तो ये लड़ाई में तब्दील हो सकता है। इतना ही नहीं ये लड़ाई परमाणु युद्ध की शक्ल भी ले सकती है क्योंकि दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं।
'ए न्यू यूएस अप्रोच टू पाकिस्तान : इनफोर्सिंग एंड कंडीशंस विदाउट कटिंग टाइज' शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि अमेरिका ने दशकों से पाकिस्तानी सेना को मजबूत बनाने में सहयोग किया है। लेकिन पाकिस्तान में मौजूद एक तबका इसका इस्तेमाल कश्मीर पर कब्जे के लिए करना चाहता है। इस रिपोर्ट को दक्षिण और मध्य एशिया के निदेशक हुसैन हक्कानी के सहयोग से तैयार किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका को भारत-पाकिस्तान विवाद में नहीं पड़ना चाहिए। इतना ही नहीं भारत में हमले करने वाले आतंकवादी गुटों को समर्थन देने वाले पाकिस्तान को कूटनीतिक स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिश भी करनी चाहिए। अमेरिका को चाहिए कि वो दोनों दक्षिण एशियाई देशों को बातचीत के लिए प्रोत्साहित करे।
इस रिपोर्ट में ये भी चेताया गया है कि अमेरिका पाकिस्तानी सेना की मदद कर दूसरे देशों के प्रति उसके रुख में बदलाव की उम्मीद छोड़ दे। ये नामुमकिन सी बात है कि पाकिस्तान किसी भी मदद के बदले अपनी नीतियों में बदलाव ले आए। अमेरिका को ये देखना होगा कि पाकिस्तान की नीतियां और दूसरे देशों के प्रति उसका नजरिया कैसा है।