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Written By सुरेश एस डुग्गर

तलाश करो और मार डालो, अब बचे आतंकियों की भी खैर नहीं...

तलाश करो और मार डालो, अब बचे आतंकियों की भी खैर नहीं... - Terrorism, Terror, Indian Security Force, Lashkar-e-Taiba
श्रीनगर। चाहे कोई लश्करे तैयबा से जुड़ा हो या फिर अलकायदा से, चाहे आईएस से हो या फिर हिज्ब से, कोई भी नहीं बच पाएगा। यह कहना है कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ ‘तलाश करो और मार डालो’ अभियान छेड़ने वाले सुरक्षाबलों का। अबू दुजाना की मौत और उससे पहले इस साल मारे गए करीब दर्जनभर आतंकी कमांडरों की मौत भी इसी अभियान का परिणम है।
 
ऐसा भी नहीं है कि अबू दुजाना की मौत के बाद यह अभियान रुक गया हो बल्कि मंगलवार को पुलवामा में लश्कर कमांडर अबू दुजाना की मौत के बाद अब सुरक्षाबलों की नजरें कश्मीर घाटी में सक्रिय बाकी मोस्ट वांटेड आतंकियों पर हैं। दुजाना लश्कर का ए डबल प्लस कैटेगरी का आतंकी था और उस पर 15 लाख रुपए का इनाम था। भारतीय सेना की ओर से 30 मई को घाटी में सक्रिय करीब दर्जनभर आतंकियों की एक हिटलिस्ट जारी की गई थी। इस लिस्ट में आतंकियों के नाम, उनके फोटोग्राफ्स और उनके ऑपरेशंस के बारे में जानकारी दी हुई थी। लिस्ट में लश्कर के अलावा हिजबुल मुजाहिद्दीन और जैश ए मोहम्मद के आतंकियों के भी नाम थे।
 
ए डबल प्लस कैटेगरी हिजबुल कमांडर बुरहान वानी को भी दी गई थी, जिसे जुलाई 2016 में मार गिराया गया था। इस कैटेगरी के आतंकियों पर साधारणतया 10 से 15 लाख रुपए तक का इनाम होता है। दुजाना घाटी का दूसरा ऐसा आतंकी था जो ए डबल प्लस कैटेगरी का था और जिसे लिस्ट रिलीज होने के बाद मारा गया है। दुजाना से पहले बशीर लश्करी इस कैटेगरी का आतंकी था और लश्करी अनंतनाग में छह पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल था। लश्करी का असली नाम बशीर अहमद वानी था और वह लश्कर का अनंतनाग जिले का कमांडर था। सेना की हिटलिस्ट में दर्जनभर आतंकी थे जिसमें अल्ताफ डार, जाकिर मूसा, अबु हमास, रियाज नाइकू, शौकत टाक और वसीम अहमद जैसे नाम शामिल हैं। दुजाना और लश्करी के अलावा जुनैद मट्टू को जून में सुरक्षाबलों ने मारा था। वह ए कैटेगरी का आतंकी था। 
 
इस समय नाइकू और मूसा घाटी में सबसे सक्रिय आतंकी हैं। रविवार को हिजबुल के कमांडर नाइकू दक्षिण कश्मीर के गुलजारपोरा गांव में आतंकी शारिक अहमद के जनाजे में नजर आया था। उसने यहां पर कहा था कि हिजबुल के संघर्ष को अलकायदा और आईएसआईएस से जोड़ना उन्हें बदनाम करने की साजिश का हिस्सा है। नाइकू ने यहां पर लोगों से कहा था कि वे उन लोगों का समर्थन न करें जो पाकिस्तान के झंडे का विरोध करते हैं। नाइकू ने हिजबुल के संघर्ष को भारत से आजादी की लड़ाई करार दिया था। नाइकू का यह बयान मूसा को अलकायदा का मुखिया साबित करने के ठीक एक हफ्ते बाद आया था। मूसा पहले हिजबुल का ही हिस्सा था और उसने मई में वीडियो जारी करके अलगाववादी नेताओं की हत्या को लेकर बयान दिया था। इस बयान के बाद वह हिजबुल से अलग हो गया था। 
 
ए डबल प्लस कैटेगरी के दूसरे आतंकियों ने घाटी में लो प्रोफाइल कायम रखी है। अबू हमास जो कि दुजाना की ही तरह पाक नागरिक है और सेना का कहना है कि वह पिछले वर्ष से घाटी में सक्रिय है। हमास जैश का डिविजनल कमांडर है। हमास के बाद कुलगाम में हिजबुल का अल्ताफ डार उर्फ काचरू जो कि हवारा का रहने वाला है और वर्ष 2006 में आतंकी संगठन में शामिल हुआ था। 
 
डार के बाद बुरहान वानी के ग्रुप का वसीम अहमद जो कि शोपियां का लश्कर कमांडर है, वह भी सेना के निशाने पर है। वह 2014 में संगठन में शामिल हुआ था। कश्मीर पुलिस का कहना है कि इस वर्ष की शुरुआत में कश्मीर घाटी में करीब 200 आतंकी सक्रिय थे जिसमें से 110 स्थानीय युवा थे। सुरक्षाबलों और जम्मू कश्मीर पुलिस ने अब तक 102 आतंकियों को मार गिराया है। सात वर्षों में इस वर्ष सबसे ज्यादा आतंकी मारे गए हैं।
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