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Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 3 जनवरी 2016 (22:07 IST)

आतंकवादियों के खिलाफ सेना का अभियान अभी जारी

आतंकवादियों के खिलाफ सेना का अभियान अभी जारी - Terrorism, Pathankot terrorist attack
नई दिल्ली। ऐसे में जब पंजाब में पठानकोट वायुसेना ठिकाने पर दो बचे आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई रविवार को लगातार दूसरे दिन भी जारी है, केंद्र सरकार ने कहा कि वह इसे लेकर अनिश्चित है कि क्या वहां और आतंकवादी छुपे हुए हैं।
केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि की ओर से यह टिप्पणी गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा ट्वीट करके यह कहने के एक दिन बाद आई है कि पांच आतंकवादियों को मार गिराने के साथ ही अभियान पूरा हो गया है। सिंह ने बाद में अपना ट्वीट हटा लिया था।
 
महर्षि ने कहा, हम इसको लेकर आश्वस्त हैं कि वहां कम से कम दो और आतंकवादी हैं क्योंकि दो अलग-अलग स्थानों से अभी भी गोलीबारी की जा रही है, लेकिन हम इसको लेकर आश्वस्त नहीं कि क्या कुछ और भी हैं। हमें अभियान के पूरा होने और शवों की गिनती के बाद ही आतंकवादियों की संख्या का पता चलेगा। उन्होंने कहा कि कल मुठभेड़ में चार आतंकवादी मारे गए थे जबकि वायुसेना ठिकाने में रविवार को दोपहर दो जगह गोलीबारी फिर से शुरू हो गई।
 
गृहमंत्री के ट्वीट के बारे में पूछे जाने पर महर्षि ने कहा कि वह प्रामाणिक जानकारी दे रहे हैं और उन्हें पता नहीं कि अन्य लोग क्या कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के एक पुलिस अधीक्षक जिन्हें गत शुक्रवार को दो अन्य के साथ अपहृत कर लिया गया था और बाद में छोड़ दिया गया था, ने कहा है कि केवल चार ही आतंकवादी थे। 
 
यह पूछे जाने पर कि आतंकवादियों से निपटने में क्या कोई चूक हुई क्योंकि आतंकवादियों के बारे में पूर्व सूचना होने के बावजूद अभी तक सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए हैं, महर्षि ने इससे इनकार किया कि कोई कोई चूक हुई। उन्होंने कहा, कोई चूक नहीं हुई। जब इस पैमाने पर अभियान होता है तो कुछ का हताहत होना स्वाभाविक है। 
 
महर्षि ने कहा कि अभी तक सात सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं जिसमें छह भारतीय वायुसेना कर्मी (पांच डिफेंस सिक्युरिटी कोर (डीएससी) कर्मी और एक गरूड़ कमांडो शामिल है) और एक एनएसजी अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन शामिल हैं। अभी तक वायुसेना के आठ कर्मी और 12 एनएसजी कमांडो घायल हुए हैं।
 
आतंकवादी के शव में लगे एक ग्रेनेड को निष्क्रिय करने के प्रयास में एनएसजी अधिकारी शहीद हो गए। इस घटना में एनएसजी के पांच जवान भी घायल हो गए। तलाशी अभियान के दौरान अन्य घटनाओं में एनएसजी के सात अन्य कमांडो घायल हो गए।
 
यह पूछे जाने पर कि आतंकवादियों के खिलाफ अभियान कब समाप्त होगा, वायुसेना के महानिदेशक (वायु ऑपरेशन) एयर मार्शल अनिल खोसला ने कहा कि वे उसे लेकर निश्चित नहीं हैं क्योंकि आतंकवादियों के खिलाफ अभियान अभी भी जारी है।
 
उन्होंने कहा, किसी भी तरह से मैं पूर्वानुमान नहीं लगा सकता। यद्यपि हमें उम्मीद है कि यह आज शाम तक समाप्त हो जाएगा। यह पूछे जाने पर कि बड़ी संख्या में एनएसजी कमांडो तैनात करने के बावजूद आतंकवादी हमले को विफल क्यों नहीं किया जा सका, केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि विशेष बल की टीम पठानकोट में इंतजार कर रही थी क्योंकि संभावित हमले के सटीक स्थल का पता नहीं था।
 
उन्होंने कहा, जब उन्होंने (आतंकवादियों) हवाई ठिकाने पर हमला किया एनएसजी टीम वहां पर तत्काल पहुंची। एयर मार्शल खोसला ने कहा कि आतंकवादियों के मुख्य उद्देश्य को विफल कर दिया गया क्योंकि वे पठानकोट वायुसेना ठिकाने के तकनीकी क्षेत्र तक नहीं पहुंच पाए जहां मूल्यवान परिसम्पत्तियां हैं। 
 
उन्होंने कहा, आतंकवादियों के साथ पहला आमना सामना शनिवार तड़के साढ़े तीन बजे हुआ। आतंकवादियों को उस क्षेत्र में घेर लिया गया जहां घनी झाड़ियां हैं। अभियान अब एक परिपक्व चरण में है। 
 
वायुसेना अधिकारी ने कहा कि कल चार आतंकवादियों के मारे जाने के बाद अभियान धीमा हो गया क्योंकि सुरक्षाबल इसको लेकर आश्वस्त नहीं थे क्या वहां अभी भी और आतंकवादी हैं। गोलीबारी आज दोपहर तब फिर से शुरू हो गई जब आतंकवादियों ने दो स्थानों से गोलीबारी शुरू कर दी। 
 
उस आतंकवादी समूह के बारे में पूछे जाने पर जो इस हमले के पीछे हो सकता है, गृह सचिव ने कहा कि प्रारंभिक सूचना के तहत यह पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैशे मोहम्मद है लेकिन इसकी पुष्टि अभियान के पूरा होने के बाद ही हो सकती है।
 
महर्षि ने कहा कि जैशे मोहम्मद और लश्करे तैयबा आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ की रिपोर्ट थी और इस सूचना के आधार पर अगस्त 2015 के बाद से सुरक्षाबलों ने 40 आतंकवादियों को मार गिराया है।
 
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के बारे में सूचना मिलने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने शुक्रवार को एक आपात बैठक बुलाई ताकि स्थिति का जायजा लिया जा सके। इस बैठक में पश्चिमी सीमा से लगे क्षेत्रों में स्थित सरकारी कार्यालयों और महत्वपूर्ण ठिकानों को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। 
 
इस बैठक में सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग सहित अन्य ने हिस्सा लिया था। उन्होंने कहा कि पंजाब में अलर्ट घोषित कर दिया गया था और क्षेत्र में सभी वायु ठिकानों को हाई अलर्ट पर रखा गया था।
 
गृह सचिव ने कहा कि पश्चिमी वायु कमान के एओसी इन सी एयर मार्शल एस बी देव पठानकोट में हैं और अभियान का समन्वय कर रहे हैं। इस अभियान को वायुसेना, सेना, एनएसजी और पंजाब पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जा रहा है।
 
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों का पता हवाई निगरानी से लगाया गया और उसके बाद जवाबी हमला शुरू किया गया। महर्षि ने कहा कि गंभीर रूप से घायल डीएससी कर्मी को आगे के इलाज के लिए हवाई मार्ग से चंडीगढ़ ले जाया गया है। (भाषा)