Tejashwi Yadav claims collapse of another bridge in Bihar : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को दावा किया कि बिहार में एक और पुल ढह गया है, हालांकि संबंधित अधिकारी ने कहा कि यह एक अस्थाई संरचना थी जो भारी बारिश में बह गई।
बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता यादव ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, बिहार के पूर्वी चंपारण में आज फिर एक पुल और गिरा। सरकार थोड़े गिरी है जो खबर बनेगी? बीते 19 दिनों में यह 13वां भ्रष्टाचारी पुल गिरा है। पुलिया, सड़क और बांध टूटने एवं धंसने के तो मामले अनगिनत हैं।
वीडियो क्लिप में स्थानीय लोगों को मधुबन प्रखंड के अंतर्गत आने वाले एक गांव में हुई इस घटना के लिए दो नंबर का माल (नकली सामग्री) के इस्तेमाल को दोषी ठहराते हुए सुना जा सकता है। पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने कहा कि उन्हें घटना की जानकारी है और उन्होंने जोर देकर कहा कि यह पुल नहीं था, न ही कोई पुलिया थी।
जिलाधिकारी ने बताया, लोहरगवां गांव से सीवेज लाइन गुजरती है। इसका कुछ हिस्सा खुला हुआ था। हमारे पास मौजूद जानकारी के अनुसार, कुछ साल पहले पंचायत स्तर पर यह निर्णय लिया गया था कि नाले के ऊपर एक संरचना बनाई जाए, ताकि लोग बिना किसी परेशानी के इसे पार कर सकें।
नाले को अस्थाई संरचना से ढंक दिया गया, जो कुछ फुट से अधिक लंबी नहीं थी। इस तरह के अनियमित कार्यों के मामले में बहुत अधिक मिट्टी का इस्तेमाल किया गया और इसलिए भारी बारिश के कारण यह बह गई। फिर भी, हम मामले की जांच कर रहे हैं और अपने स्तर पर जो भी आवश्यक होगा, करेंगे।
कम से कम 15 इंजीनियर निलंबित : उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ हफ्तों में बिहार के कई जिलों में एक दर्जन से अधिक पुलों के ढहने के कारण अधिकारियों ने कम से कम 15 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है। बिहार में ढहे पुलों में 23 जून को पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासाहन प्रखंड क्षेत्र में और 26 जून को मधुबनी जिले में निर्माणाधीन एक-एक पुल तथा 18 जून को अररिया जिले के परारिया गांव में बकरा नदी पर नवनिर्मित एक पुल भी शामिल है।
नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा : हालांकि ऐसी दुर्घटनाओं में कोई हताहत नहीं हुआ है लेकिन इन घटनाओं ने राजनीतिक वाद-विवाद को भी जन्म दिया है, जिसमें यादव ने नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा है, लेकिन, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने इसका दोष राजद पर मढ़ते हुए कहा है कि बिहार में राजग की सरकार बनने से पहले ग्रामीण कार्य विभाग उक्त पार्टी के पास था।
इस बीच, राजद द्वारा जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा है, बिहार में आज फिर एक पुल का गिरना तथा बीते 19 दिन में कुल 13 पुलों का पानी में बह जाना नीतीश सरकार में फैले संस्थागत भ्रष्टाचार का प्रत्यक्ष दृष्टांत है।
19 दिन में 13 पुल गिरे : उन्होंने कहा, हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती देते हैं कि वो बिहारवासियों को बताएं कि गिरने वाले पुलों की स्वीकृति कब हुई और किसने दी, गिरने वाले पुलों की निविदा कब, किसके कार्यकाल में हुई, गिरने वाले पुलों का शिलान्यास कब और किसने किया, गिरने वाले पुलों का उद्घाटन कब और किसने किया, महज 19 दिन में 13 पुलों के गिरने से जनता की कुल कितनी गाढ़ी कमाई पानी में बह गई?
यादव ने कहा, अगर मुख्यमंत्री जी इन आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं करते है तो स्पष्ट है कि 18 वर्षों से बिहार में सत्ता पर काबिज राजग के नेता ऊपर से लेकर नीचे तक इस भ्रष्टाचारी व्यवस्था के संपोषक, संरक्षक, प्रायोजक और साझेदार हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour