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Last Updated : शुक्रवार, 28 सितम्बर 2018 (11:17 IST)

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, सबरीमाला मंदिर में अब महिलाएं भी कर सकेंगी एंट्री

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, सबरीमाला मंदिर में अब महिलाएं भी कर सकेंगी एंट्री - Supreme court women Sabarimala mandir
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को अपने महत्वपूर्ण फैसले में केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री से रोक हटा दी। अदालत ने अपने फैसले में महिलाओं को मंदिर में प्रवेश का अधिकार देते हुए कहा कि वे किसी भी तरह पुरुषों से कम नहीं हैं।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक पूरी तरह असंवैधानिक है। मंदिर में हर उम्र में महिलाएं जा सकेंगी। महिलाओं को पूजा से रोकना उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है।

न्यायालय ने 4:1 के बहुमत के फैसले के साथ ही सभी आयु वर्ग की महिलाओं को सबरीमाला स्थित अय्यप्पा मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी। 
 
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध को लैंगिक भेदभाव बताया। सबरीमाला मंदिर की परंपरा हिन्दू महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन हैं।
 
उल्लेखनीय है कि प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आठ दिनों तक सुनवाई करने के उपरांत एक अगस्त को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
 
न्यायमूर्ति मिश्रा, न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदू मल्होत्रा की पीठ ने पहले कहा था कि (महिलाओं को प्रवेश से) अलग रखने पर रोक लगाने वाले संवैधानिक प्रावधान का ‘उज्ज्वल लोकतंत्र’ में ‘कुछ मूल्य’ है। 
 
माहवारी की उम्र वाली महिलाओं के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश पर रोक के इस विवादास्पद मामले पर अपना रुख बदलती रही केरल सरकार ने 18 जुलाई को उच्चतम न्यायालय से कहा था कि वह उनके प्रवेश के पक्ष में है।
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