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Last Modified: मंगलवार, 23 अक्टूबर 2018 (12:43 IST)

दीवाली पर पटाखे जलाने पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, जानिए 10 बातें...

दीवाली पर पटाखे जलाने पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, जानिए 10 बातें... - supreme court verdict on fire cracker in deepawali 10 file facts
नई दिल्ली। दीपावली से ठीक पहले पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अहम दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हालांकि शीर्ष अदालत ने पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने से साफ इंकार कर दिया है। गौरतलब है कि एक याचिका में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए देशभर में पटाखों के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगाने की मांग की गई थी। आइए, जानते हैं अदालत के फैसले से जुड़ी 10 बड़ी बातें...
 
पूरी तरह प्रतिबंध नहीं : अदालत ने पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने से साफ इंकार किया है, लेकिन पटाखे फोड़ने के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी है। अब दिवाली पर देशभर में शाम 8 से 10 बजे तक ही पटाखे फोड़े जा सकेंगे।
 
ऑनलाइन बिक्री पर प्रतिबंध : अदालत के फैसले के बाद पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पूरी तरह गैरकानूनी होगी। ई-कॉमर्स पोर्टल अब पटाखे नहीं बेच पाएंगे। इस फैसले के बाद भी यदि ऑनलाइन बिक्री होती है तो इसे अदालत की अवमानना माना जाएगा।
 
पटाखा लाइसेंस जरूरी : अदालत ने स्पष्ट कहा है कि अब जिन व्यापारियों के पास पटाखे बेचने का लाइसेंस होगा, वे ही इनकी बिक्री कर पाएंगे। इसके अतिरिक्त यदि कोई पटाखे बेचता है तो वह गैरकानूनी माना जाएगा। 
 
ग्रीन पटाखे बिकेंगे : सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में पर्यावरण का भी खास ध्यान रखा है। अदालत ने कहा है कि ऐसे पटाखों के बेचने की अनुमति होगी, जिनसे पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचता हो। साथ ही ज्यादा आवाज वाले पटाखे भी नहीं फोड़े जा सकेंगे।
 
देशव्यापी असर : पटाखों पर अदालत का फैसला पूरे देश में लागू होगा। फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद-21 (जीवन का अधिकार) सभी वर्ग के लोगों पर लागू होता है और पटाखों पर देशव्यापी प्रतिबंध पर विचार करते समय संतुलन बरकरार रखने की जरूरत है।
 
रोजी-रोटी का ध्यान : कोर्ट ने अपने फैसले में इस बात का खास ध्यान रखा है कि किसी की रोजी-रोटी प्रभावित न हो। कोर्ट ने पहले कहा था कि प्रतिबंध से जुड़ी याचिका पर विचार करते समय पटाखा उत्पादकों की आजीविका का मौलिक अधिकार प्रभावित न हो।
 
स्वास्थ्य की चिंता : पटाखों पर फैसला देते समय शीर्ष अदालत ने लोगों के स्वास्थ्य की भी चिंता की है। अदालत ने कहा कि देश के 1.3 अरब लोगों के स्वास्थ्य अधिकार समेत विभिन्न पहलुओं को भी ध्यान में रखना होगा। 
 
क्रिसमस और नववर्ष : सुप्रीम कोर्ट ने क्रिसमस और नववर्ष के लिए भी पटाखे फोड़ने की समय-सीमा तय कर दी है। फैसले के मुताबिक नए साल और क्रिसमस जैसे त्योहारों पर रात 11.55 से 12.15 तक पटाखे जलाए जा सकेंगे।
 
शादियों पर भी असर : भारत में शादियों के दौरान भी पटाखे चलाने की परंपरा है। इसके लिए कोर्ट ने कहा है कि पटाखों की बिक्री से जुड़े ये निर्देश सभी त्योहारों तथा शादियों पर भी लागू होंगे।
 
पुलिस की जिम्मेदारी : सुप्रीम कोर्ट के अनुसार यह समय-सीमा पूरे देश पर लागू होगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस आदेश पर करवाने की जिम्मेदारी संबंधित इलाके के थाना प्रभारी (SHO) की होगी और अगर आदेश का पालन नहीं हुआ तो SHO को निजी तौर पर कोर्ट की अवमानना का दोषी माना जाएगा।
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