SC ने कहा- सेंथिल बालाजी को मंत्री बनाना बेहद गलत, धनशोधन मामले में मिली है जमानत
Senthil Balaji case : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि द्रमुक नेता वी सेंथिल बालाजी को नौकरी के बदले नकदी 'घोटाले' से जुड़े धनशोधन मामले में जमानत मिलने के कुछ दिनों बाद तमिलनाडु सरकार में मंत्री नियुक्त किया जाना 'बहुत गलत' था। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि बड़ी संख्या में गवाह सरकारी अधिकारी थे। पीठ ने बालाजी के खिलाफ लंबित मामलों पर राज्य सरकार से जवाब-तलब किया।
उसने कहा, ये अपने आप नहीं हो सकता कि जैसे ही कोई व्यक्ति रिहा होता है, वह मंत्री बन जाता है, इसमें कुछ बहुत ही गलत है। क्योंकि ऐसे मामले हो सकते हैं जहां किसी को फंसाया जा रहा हो। मामले के तथ्यों पर हमें विचार करना होगा। पीठ ने मामलों में जिन गवाहों से पूछताछ की जानी है, उनकी संख्या का रिकॉर्ड मांगा।
उसने कहा, वे यह भी बताएंगे कि अपराध के कितने गवाह पीड़ित हैं और कितने लोक सेवक हैं जो गवाह हैं। शीर्ष अदालत ने लंबित मुकदमों के विवरण पर गौर किया और पाया कि जिन आम लोगों से पैसा लिया गया था, सरकारी अधिकारियों के अलावा वे सभी गवाह थे।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि बालाजी का काफी प्रभाव था। उन्होंने कहा, जेल में रहने के दौरान भी बालाजी बिना विभाग के मंत्री थे। वह राज्य में इतनी ताकत रखते हैं। मेहता की दलील का जवाब देते हुए बालाजी की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, ऐसे बहुत से लोग हैं, जिनके पास किसी राज्य में बिना विभाग के भी बहुत अधिक शक्ति है।
इस पर मेहता ने कहा, यह कोई राजनीतिक मंच नहीं है। इसे अदालत ही रहने दीजिए। पीठ ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 15 जनवरी 2025 की तारीख निर्धारित की। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour