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Last Updated :नई दिल्ली , गुरुवार, 22 मई 2025 (20:04 IST)

Waqf Amendment Act : वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुनवाई हुई पूरी, Supreme Court ने फैसला रखा सुरक्षित

Supreme Court reserves verdict on Waqf Amendment Act
Waqf Amendment Act News : उच्‍चतम न्‍यायालय ने गुरुवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं अदालत में दायर की गई थीं। सुनवाई के बाद यह तय हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट फैसला करेगा कि वक्फ कानून 2025 पर अंतरिम रोक लगाई जाए या नहीं? 3 दिनों की मैराथन सुनवाई में सभी पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने अंतरिम राहत पर अपना आदेश सुरक्षित रखने से पहले तीन दिनों तक सभी पक्षों को विस्तार से सुना।

खबरों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं अदालत में दायर की गई थीं। 3 दिनों की सभी पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद यह तय हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट फैसला करेगा कि वक्फ कानून 2025 पर अंतरिम रोक लगाई जाए या नहीं? भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने अंतरिम राहत पर अपना आदेश सुरक्षित रखने से पहले तीन दिनों तक सभी पक्षों को विस्तार से सुना।
लोकसभा ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 3 अप्रैल को पारित किया था। राज्यसभा ने इसे 4 अप्रैल को मंजूरी दी थी। संशोधन अधिनियम को 5 अप्रैल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी। केंद्र ने इस अधिनियम का दृढ़ता से समर्थन करते हुए कहा कि वक्फ अपनी प्रकृति से ही एक धर्मनिरपेक्ष अवधारणा है और संवैधानिकता की धारणा के इसके पक्ष में होने के मद्देनजर इस पर रोक नहीं लगाई जा सकती।

संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं शीर्ष अदालत में दायर की गईं, जिनमें कांग्रेस सांसद (एमपी) मोहम्मद जावेद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल थे। याचिकाकर्ताओं ने अदालत का रुख करते हुए कहा कि संशोधन मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव है।
याचिकाकर्ताओं के अनुसार, संशोधन चुनिंदा रूप से मुस्लिम धार्मिक बंदोबस्तों को लक्षित करते हैं और समुदाय के अपने धार्मिक मामलों का प्रबंधन करने के संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकार में हस्तक्षेप करते हैं।याचिकाकर्ताओं के अनुसार, इस चूक से ऐतिहासिक मस्जिदें, कब्रिस्तान और धर्मार्थ संपत्तियां, जिनमें से कई औपचारिक वक्फ विलेखों के बिना सदियों से अस्तित्व में हैं, अपने धार्मिक चरित्र से वंचित हो जाएंगी।
जवाब में केंद्र सरकार ने कहा है कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 वक्फ प्रावधानों के दुरुपयोग को रोकने के लिए लाया गया था, जिसका दुरुपयोग निजी और सरकारी संपत्तियों पर अतिक्रमण करने के लिए किया जा रहा था। 17 अप्रैल को केंद्र सरकार ने न्यायालय को आश्वासन दिया था कि वह फिलहाल अधिनियम के कई प्रमुख प्रावधानों को लागू नहीं करेगी।
Edited By : Chetan Gour